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'अगर भारतीय कंपनी ने हाथ डाला तो...', J&K में मिले लिथियम को लेकर आतंकी धमकी

बीते दिनों जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार की खोज हुई थी. इसको लेकर अब पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट आतंकी संगठन ने सरकार को धमकी दी है. इसमें कहा है कि लिथियम निकालने के लिए केवल अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का स्वागत है. अगर किसी भारतीय कंपनी ने इसमें हाथ डाला तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
सुनील जी भट्ट
  • जम्मू,
  • 13 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 10:28 PM IST

आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट ने जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार की खोज पर सरकार को धमकी दी है. कहा है कि लिथियम निकालने के लिए केवल अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का स्वागत है. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ मुनाफा भी साझा किया जाना चाहिए. अगर किसी भारतीय कंपनी ने इसमें हाथ डाला तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

गौरतलब है कि देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम का बड़ा भंडार मिला है. लिथियम के भंडार की यह पहली साइट है, जिसकी भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने रियासी जिले में पहचान की है. इलेक्ट्रिक व्हीकल और मोबाइल फोन जैसे उपकरणों की बैट्री में इस्तेमाल होने वाले लिथियम को दूसरे देशों से आयात किया जाता है. रियासी जिले में अब इसके भंडार के दोहन से देश की आयात पर निर्भरता कम होगी.

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भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के सलाल-हैमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के लिथियम अनुमानित संसाधन स्थापित किए हैं. लिथियम एक अलौह धातु है जो मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रिचार्बेल बैट्री में उपयोग किया जाता है. इसके अलावा इसका उपयोग खिलौनों और घड़ियों के लिए भी किया जाता है. इस समय भारत लिथियम के लिए पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर है.

माइंस सेक्रेटरी विवेक भारद्वाज ने बताया था, "देश में पहली बार जम्मू-कश्मीर के रियासी में लिथियम के भंडार की खोज की गई है." उन्होंने कहा, "चाहे मोबाइल फोन हो या सोलर पैनल, महत्वपूर्ण खनिजों की हर जगह आवश्यकता होती है. आत्मनिर्भर बनने के लिए देश के लिए महत्वपूर्ण खनिजों का पता लगाना और उन्हें संसाधित करना बहुत महत्वपूर्ण है."

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उन्होंने यह भी कहा था कि अगर सोने का आयात कम किया जाता है तो हम आत्मानिर्भर बन जाएंगे. 62वीं केंद्रीय भूवैज्ञानिक प्रोग्रामिंग बोर्ड (CGPB) की बैठक के दौरान लिथियम और गोल्ड समेत 51 खनिज ब्लॉकों पर एक रिपोर्ट राज्य सरकारों को सौंपी गई.

 

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