
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर कश्मीरी पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी. आतंकियों ने साउथ कश्मीर के पुलवामा जिले में इस वारदात को अंजाम दिया है. संजय नाम के शख्स को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
कश्मीर जोन पुलिस की ओर से बताया गया कि आतंकियों ने संजय शर्मा नाम के अल्पसंख्यक पर फायरिंग की है. वह पुलवामा जिले के अचान के रहने वाले थे. संजय लोकल मार्केट जा रहे थे तभी इस वारदात को अंजाम दिया गया. संजय शर्मा को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया. आतंकियों की गोली का शिकार बने संजय शर्मा पेशे से बैंक में सुरक्षा गार्ड हैं. इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और आतंकियों की तलाश की जा रही है.
फारूख अब्दुल्लाह ने मुस्लिमों से की अपील
इस मामले में आजतक से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्लाह ने कहा कि मुझे बहुत दुख हुआ है. जिन लोगों ने ऐसा किया उन्हें नरक की आग में जलना चाहिए. ये खूनखराबा बंद होना चाहिए. दुर्भाग्य से कश्मीरी पंडितों को लगातार टारगेट किया जा रहा है. फारूख अब्दुल्लाह ने कहा कि मैं मुस्लिमों से अपील करता हूं कि घाटी में कश्मीरी पंडितों को बचाने के लिए आगे आएं. हम सभी को एक दिन अल्लाह के सामना करना है. अगर हम कश्मीरी पंडितों को नहीं बचा सके तो अल्लाह से क्या कहेंगे.
मैं सरकार से अपील करता हूं कि सरकार कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को घाटी में लौटने के लिए मजबूर न करे. दुख की बात है कि घाटी में पंडितों के अस्तित्व के लिए स्थिति अनुकूल नहीं है. पंडित कर्मचारियों को जम्मू में समायोजित किया जाना चाहिए और उनका वेतन जारी किया जाना चाहिए.
पीडीपी चीफ बोलीं- ऐसी घटनाओं से बीजेपी को फायदा
पीडीपी चीफ और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भाजपा कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा करने में विफल रही. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो उन्हें (भाजपा को) ऐसे कृत्यों के लिए मुसलमानों को निशाना बनाकर पूरे भारत में लाभ मिलता है.
केंद्रीय मंत्री और उधमपुर से सांसद जितेंद्र सिंह ने संसद में बताया कि कश्मीर घाटी कश्मीरी पंडितों के पलायन से प्रभावित हुई है. वो टारगेट किलिंग का शिकार हैं. हालांकि उन्होंने कभी नहीं कहा कि वो घाटी में वापस नहीं लौटेंगे. पीएमओ ऑफिस की ओर से बताया गया कि आतंकियों द्वारा टारगेट किलिंग के बाद घाटी में कार्यरत कश्मीरी पंडित बीते साल जम्मू चले गए और ट्रांसफर की मांग की.
इससे पहले, सरकार ने संसद में बताया था कि धारा 370 हटाए जाने के बाद जुलाई 2022 तक 5 कश्मीरी पंडित और 16 अन्य हिंदू और सिख समेत 118 नागरिक मारे गए थे. वहीं जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कब होंगे, इस सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि उनके लिए इस विषय पर कुछ भी कहना सही नहीं होगा. ये चुनाव आयोग के दायरे में है.