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'1990 में ही छोड़ देनी चाहिए थी कश्मीर घाटी, रुककर जिंदगी बर्बाद की', छलका कश्मीरी पंडित का दर्द

Jammu And Kashmir: जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में आतंकवादियों ने सोमवार शाम कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण भट्ट उर्फ सोनू पर फायरिंग की थी. उन्हें 3 गोलियां लगी थीं. पेशे से मेडिकल स्टोर संचालक बाल कृष्ण भट्ट 30 साल से कश्मीर में रह रहे थे.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
सुनील जी भट्ट
  • श्रीनगर,
  • 06 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST
  • आतंकियों ने बाल कृष्ण को मारी थी 3 गोली
  • आतंकियों ने 24 घंटे में 7 लोगों को बनाया निशाना

Jammu And Kashmir: आतंकियों की गोली का शिकार बने कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण भट्ट उर्फ सोनू के भाई ने अपना दर्द साझा किया है. सोनू के भाई अनिल कुमार भट्ट ने बुधवार को कहा कि उनके भाई की दुकान में घुसकर हमला किया गया. हमने कश्मीर घाटी में रुककर अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली.

अनिल कुमार भट्ट ने कहा कि हमें 1990 में ही कश्मीर से चले जाना चाहिए था. कश्मीर में रुककर हमने बहुत बड़ी गलती कर दी. कोई नहीं चाहता की कश्मीर में हिंदू रहें. लोग केवल हमारी संपत्ति हड़पना चाहते हैं. अनिल ने आगे कहा कि लोगों ने हमारे श्मशान घाट को भी नहीं बख्शा है. उस पर भी घर बना लिए गए हैं.    

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30 साल से कश्मीर में रह रहे थे बाल कृष्ण भट्ट

बता दें कि जम्मू कश्मीर के शोपियां (Shopian) जिले में आतंकवादियों ने सोमवार शाम कश्मीरी पंडित बाल कृष्ण भट्ट उर्फ सोनू पर फायरिंग की थी. उन्हें 3 गोलियां लगी थीं. गंभीर हालत में सोनू को श्रीनगर के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पेशे से मेडिकल स्टोर संचालक बाल कृष्ण भट्ट ने कश्मीर से पंडितों के विस्थापन के दौरान भी घाटी नहीं छोड़ी थी. वे पिछले 30 साल से कश्मीर में रह रहे थे. बीते दिन घाटी में आतंकवादियों ने 7 लोगों को गोली मारी. इन घटनाओं में पुलवामा में 4 गैरस्थानीय मजदूर, श्रीनगर में 2 सीआरपीएफ जवान और अब शोपियां में एक कश्मीरी पंडित शिकार बने.

अब भी कश्मीरी पंडितों को न बसा पाना होगी विफलता: एसपी वैद्य

कश्मीरी पंडित पर हमले की घटना पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद्य ने कहा कि यह हार्ड कोर इस्लामिक एजेंडा है, ताकि घाटी से पूरी तरह से कश्मीरी पंडितों का पलायन कराया जा सके. यहां से बचे-खुचे कश्मीरी पंडित को भी भगाने की तैयारी की जा रही है. इसके एक दिन पहले भी घाटी में इसी एजेंडे के तहत गैर स्थानीय मजदूरों पर भी हमला किया गया था. उन्होंने कहा कि धारा 370 हटाने के बाद भी अगर पंडितों को घाटी में नहीं बसाया जा सका तो यह बड़ी विफलता सिद्ध होगी.

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