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जम्मू-कश्मीर में आज खुलेंगे स्कूल, श्रीनगर के डीसी बोले- हालात काबू में

जम्मू-कश्मीर में करीब 14 दिन बाद आज 190 स्कूलों और शिक्षण संस्थानों के ताले खुलेंगे. हालांकि प्रशासन ने जम्मू में इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश वापस ले लिया है. वहीं, श्रीनगर के डीसी ने आजतक से बातचीत में कहा कि अब काफी हद तक हालात कंट्रोल में है.

फाइल फोटो (Courtesy- ANI) फाइल फोटो (Courtesy- ANI)
aajtak.in
  • श्रीनगर,
  • 19 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 8:03 AM IST

जम्मू-कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में करीब 14 दिन बाद आज 190 स्कूल और शिक्षण संस्थानों के ताले खुलेंगे. हालांकि प्रशासन ने जम्मू में इंटरनेट सेवा बहाल करने का आदेश वापस ले लिया है. जम्मू, सांबा, कठुआ, उधमपुर और रियासी में मोबाइल और इंटरनेट सेवा को फिलहाल बंद करने का फैसला लिया गया है.

माना जा रहा है कि सरकार पूरे कश्मीर में धीरे-धीरे इंटरनेट सेवा बहाल करेगी. वहीं, श्रीनगर में हाजियों का पहला जत्था वापस लौट आया है. घर लौटे हाजी परिवार के बीच पहुंचकर बेहद भावुक थे. उन्हें उम्मीद है कि कश्मीर में जिदंगी तेजी से पटरी पर लौटेगी और हालात सामान्य होंगे.

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उधर, जम्मू-कश्मीर में आज 190 स्कूल और शिक्षण संस्थान खुल रहे, तो सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन का बड़ा इम्तिहान होगा. हालांकि इस संबंध में श्रीनगर के डीसी ने आजतक से बातचीत में कहा कि अब काफी हद तक हालात कंट्रोल में है. प्रशासन लगातार इस कोशिश में जुटा हुआ है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों की जिंदगी जल्द से जल्द पटरी पर लौट आएं.

कश्मीर में अमन-चैन देखकर बौखलाया पाकिस्तान

दूसरी ओर अनुच्छेद 370 को लेकर घाटी को सुलगाने की साजिश धरी की धरी रह गई है, जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. कश्मीर में अमन-चैन देखकर पाकिस्तान की तिलमिलाहट बेहिसाब बढ़ गई है, जिसका नतीजा यह है कि पाकिस्तानी फौज आतंकियों की घुसपैठ के फिराक में हैं. पाकिस्तान लगातार एलओसी में सीजफायर तोड़ रहा है.

घुसपैठ के लिहाज से गुलमर्ग के जंगल हमेशा से आतंकियों की पसंद वाला रास्ता रहा है. यही वजह है कि सेना ने गुलगर्म में भारी तैनाती की है. घने जंगल का कोई कोना चौकसी के दायरे के बाहर नहीं है. जमीन पर सेना तो दिल्ली में सरकार हर पाकिस्तानी साजिश के लिए बिल्कुल तैयार है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दो टूक बता दिया कि पाकिस्तान से बात तो होगी लेकिन वो सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर होगी.

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