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आर्मी दिवस पर LoC पर गरजीं भारतीय सेना की बंदूकें, 5 जैश आतंकी और 7 PAK जवान ढेर

जम्मू-कश्मीर पुलिस के DGP एसपी वैद्य ने खुद सोमवार सुबह ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. मारे गए 5 आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के बताए जा रहे हैं.

फाइल फोटो फाइल फोटो
मोहित ग्रोवर/मंजीत नेगी
  • उरी, जम्मू-कश्मीर,
  • 15 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:10 PM IST

भारतीय सेना आज अपना 70वां आर्मी दिवस मना रही है. सेना का जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने का ऑपरेशन लगातार जारी है. इस दिन आर्मी ने एलओसी पर बड़ी कार्रवाई की है. पहले उरी सेक्टर में घुसपैठ कर रहे 5 आतंकियों को मार गिराया है, फिर एलओसी के कोटली में जवाबी गोलीबारी के दौरान 7 पाकिस्तानी सेना के जवानों को ढेर किया गया.

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यह ऑपरेशन भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से चलाया. जम्मू-कश्मीर पुलिस के DGP एसपी वैद्य ने खुद सोमवार सुबह ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी. मारे गए 5 आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के बताए जा रहे हैं. इन 6 आतंकियों के अलावा एलओसी के कोटली में पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन किया गया. भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में 7 पाक सेना के जवान भी मारे गए.

चंद मिनट में ही चौथा भी ढेर

दरअसल, हुआ यूं कि वैद्य ने सुबह 8.52 पर ट्वीट किया कि उरी में घुसपैठ की कोशिश कर रहे तीन आतंकियों को मार गिराया है. चौथे को मारने की कोशिश जारी है. तभी पांच मिनट के बाद उन्होंने फिर ट्वीट किया कि हमने चौथे आतंकी को भी मार गिराया है. लड़कों ने काफी अच्छा काम किया है.

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सेना प्रमुख ने दी है चेतावनी

बता दें कि नई दिल्ली में आर्मी दिवस की परेड के दौरान सेना प्रमुख बिपिन रावत ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना घुसपैठियों की मदद करती है. अगर हमें मजबूर किया गया तो हम और मजबूती से कार्रवाई करेंगे. पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर उल्लंघन किया जाता है.

आपको बता दें कि पाकिस्तान की ओर से बार-बार उरी सेक्टर में घुसपैठ की कोशिश की जा रही है. अभी बीते शुक्रवार ही यहां पर पाकिस्तानी सेना ने सीजफायर उल्लंघन किया था. जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया था. इससे पहले भी बीते साल जून में भी पाकिस्तान ने उरी सेक्टर में 48 घंटे में दो बार घुसपैठ की कोशिश की थी. लेकिन भारतीय सेना ने घुसपैठ की हर कोशिश को नाकाम कर दिया था.

कश्मीर में पुरानी नीति पर नहीं चल सकती सेना

इससे पहले रविवार को ही भारतीय सैन्य प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर में स्थायी तौर पर शांति स्थापित करने के लिए नया फार्मूला सुझाया था. उन्होंने कहा है कि सेना केवल पुरानी नीतियों पर नहीं चल सकती है, कुछ नए तरीके अपनाने पड़ेंगे. जनरल रावत ने कहा है कि इसके साथ ही पाकिस्तान पर सीमापार से आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए भी दबाव बनाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा है कि सेना केवल पुरानी नीतियों पर नहीं चल सकती है, कुछ नया करना होगा.

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उरी हमले के बाद ही की थी सर्जिकल स्ट्राइक

भारतीय सेना ने 28- 29 सितंबर 2016 की रात को नियंत्रण रेखा के पार जाकर सात आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. सर्जिकल स्ट्राइक से कुछ दिनों पहले उरी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद ही भारत ने कायरों की तरह हमला करने वाले आतंकियों को सबक सिखाने का मन बना लिया था. भारत के जांबाज सैनिकों ने एलओसी के पार जाकर आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर दिया.

उस समय रात के बारह बजे पुंछ से एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर 'ध्रुव' पर 4 और 9 पैरा के 25 कमांडो सवार होकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल हुए थे. नियंत्रण रेखा के पार हेलिकॉप्टर ने इन जवानों को एक सुनसान जगह उतार दिया. पाकिस्तानी सेना की फायरिंग की आशंका के बीच इन कमांडोज ने तकरीबन तीन किलोमीटर का फासला रेंग कर तय किया. देश में तबाही मचाने के लिये यहां आतंकियों के लॉन्च पैड्स भिंबर, केल, तत्तापानी और लीपा इलाकों में स्थित थे.

पलक झपकते ही कमांडोज ने आतंकियों पर ग्रेनेड से हमला किया. अफरा-तफरी फैलते ही स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग की और देखते ही देखते 38 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया. हमले में पाकिस्तानी सेना के दो जवान भी मारे गए थे.

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