
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने मंगलवार को कटरा से अर्धकुमारी तक रोपवे निर्माण को मंजूरी दे दी है. अब जल्द ही इसके निर्माण को लेकर काम शुरू हो जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि दो साल में काम पूरा हो जाएगा. प्रस्ताव के अनुसार कटरा से अर्धकुमारी के बीच, 1281.20 मीटर लंबे रोपवे का निर्माण किया जाएगा. इसकी ऊंचाई अधिकतम 590.75 मीटर तक होगी.
हर घंटे एक तरफ से 1500 लोग करेंगे यात्रा
रोपवे के जरिए हर घंटे एक तरफ से 1500 यात्रियों को ले जाना संभव होगा. वहीं केबिन क्षमता आठ यात्रियों की होगी. इस रोपवे के निर्माण पर करीब 94.23 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है. राइट्स (RITES) की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर हर यात्री आने-जाने का शुल्क 200 रुपये रखा जाता है, तो 63 फीसदी संचालनात्मक लागत वसूल हो सकती है.
पुनर्गठित बोर्ड ने पहली बैठक में दी मंजूरी
माता वैष्णो देवी की यात्रा को और सुगम बनाने के लिए रोपवे निर्माण के बहुप्रतीक्षित प्रस्ताव को पुनर्गठित बोर्ड ने अपनी पहली ही बैठक में औपचारिक मंजूरी दे दी है. यह बोर्ड की 69वीं बैठक थी. बैठक में श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे.
2012 में बननी शुरू हुई थी योजना
बोर्ड के सदस्य केके शर्मा ने बताया कि लंबे समय से इस प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी. श्राइन बोर्ड ने 2012 में पहली बार बोर्ड की 51वीं बैठक में रोपवे की संभावनाएं तलाशने के लिए रेलवे के उपक्रम रेलवे इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (RITES) को जिम्मेदारी सौंपी थी.
पांच साल से लंबित था प्रस्ताव
पांच साल बाद राइट्स ने 2017 में अपनी रिपोर्ट बोर्ड को सौंपी थी, जिसमें कटरा से अर्धकुमारी के बीच रोपवे के निर्माण को ही सबसे उपयुक्त पाया था. उसके बाद से यह प्रस्ताव लगातार लंबित चल रहा था.
आसान यात्रा के लिए अभी ये हैं दो रास्ते
अर्धकुमारी से भवन तक वैकल्पिक मार्ग पर बिजली चालित बैटरी के वाहन चलते हैं. इसके अलावा कटरा से अर्धकुमारी तक एक और वैकल्पिक मार्ग चालू है, जिस पर घोड़े खच्चर नहीं चलते. रोपवे बन जाने के बाद भक्तों को कई नए और रोचक विकल्प मिल जाएंगे.