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'लोग इतने ज्यादा थे, रास्ता था नहीं निकलने का', चश्मदीद ने सुनाई Vaishno devi भवन में हादसे की कहानी

जम्मू-कश्मीर स्थित माता वैष्णो देवी भवन में मची भगदड़ 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. घायलों की संख्या 13 बताई जा रही है. इस हादसे के चश्मदीदों का कहना है कि नए साल माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे, निकलने तक का कोई रास्ता नहीं था.

नए साल पर वैष्णो देवी में जुट गई थी भारी भीड़ नए साल पर वैष्णो देवी में जुट गई थी भारी भीड़
सुनील जी भट्ट
  • जम्मू,
  • 01 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:03 PM IST
  • 'किसी भी जगह चेक नहीं की गई यात्रा पर्ची'
  • बड़ी संख्या में लोग पहुंच चुके थे, पुलिस भी नहीं नजर आई

जम्मू-कश्मीर स्थित माता वैष्णो देवी भवन में मची भगदड़ 12 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है. घायलों की संख्या 13 बताई जा रही है. इस हादसे के चश्मदीदों का कहना है कि नए साल माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे, निकलने तक का कोई रास्ता नहीं था. किसी हड़बड़ी में इधर उधर भागने लगे, जिसकी वजह से भगदड़ मच गई.

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'बेहद डरावना था मंजर, मैं देखकर डर गई थी'

मध्य प्रदेश के इंदौर पहुंचीं दीपाली ने कहा कि मैंने ये हादसा अपनी आंखों से देखा है. बहुत ही डरावना मंजर था. इसे देखकर डर गई थी. तुरंत अपने पति से नीचे चलने को कहा. लेकिन वो आगे बढ़ते गए. आगे जाकर देखा तो वहां बेशुमार भीड़ थी. वहां कोई पुलिस प्रशासन तैनात नहीं था. किसी ने कहीं यात्रा पर्ची चेक नहीं की.

चश्मदीद ने बताया: खंभे से लटका, तब बच सकी जान

​ग्रेटर नोएडा के ​चश्मदीद गिरीश ने कहा कि मैं भीड़ के बीच फंसा था. वहां पर सुरक्षाबल लोगों को डंडे मार रहे थे. पुलिस ने जैसे ही डंडे मारना शुरू किया, लोग तुरंत पीछे भागने लगे. मैं उस भीड़ में दबा था. वहां से जैसे तैसे निकला. गेट नंबर तीन की ओर जाने वाले रास्ते पर एक खंभा पकड़कर लटक गया, तब जाकर इस भगदड़ से बच पाया. अमृतसर से पहुंचे संदीप कुमार ने कहा कि उनकी पत्नी और बेटे का अभी तक कोई पता नहीं चला है. 

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लोग एक दूसरे को देने लगे थे धक्का

एक चश्मदीद ने कहा कि लोग एक दूसरे को धक्का देने लगे थे. महिलाएं व बच्चे दबे हुए थे. पूछने पर कि भगदड़ कैसे मची, चश्मदीद ने कहा कि भीड़ बहुत थी, इसी वजह से ये हादसा हुआ. एक अन्य चश्मदीद का कहना है कि घटना के बाद शवों को उठाने के लिए कोई नहीं था. न ही किसी तरह की तुरंत सहायता मुहैया कराई गई.

किसी भी चेकपोस्ट पर नहीं चेक की गई यात्रा पर्ची

घटना के चश्मदीद का कहना है कि यात्रियों की यात्रा पर्ची किसी भी चेकपोस्ट पर नहीं देखी गई. हालांकि अभी मामले की पूरी गहनता से जांच की जा रही है. घटना को लेकर लोगों का कहना है कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचे थे, जिसकी वजह से यहां भगदड़ मचने पर हादसा हो गया. कटरा बेसकैंप पर बड़ी संख्या में नए साल पर यात्री जमा हो गए थे. 

एक महिला चश्मदीद ने कहा कि किसी भी जगह पुलिस नहीं नजर आई और न ही किसी की पर्ची की जांच की गई. इसकी वजह से भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ती गई. मौके पर ज्यादातर यात्रियों का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह की कड़ाई नहीं थी.

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'अब न्यू ईयर पर होने लगी है ज्यादा भीड़'

हादसे को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि घटना पर पूरी नजर रखी जा रही है. घायलों का इलाज किया जा रहा है. उनकी हरसंभव मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि कुछ सालों से नया ट्रेंड शुरू हो गया है कि न्यू ईयर पर ज्यादा भीड़ होने लगी है, पहले लोग त्योहारों पर ज्यादा पहुंचते थे. अनुमान से अधिक भीड़ जुटने की वजह से मुश्किल हालात बन गए. लोग घबराहट में इधर उधर भागने लगे. इसी कारण हादसा हो गया.

आठ मृतकों की अब तक हो चुकी है पहचान

बता दें कि मरने वालों में अब तक 8 की ही पहचान हो सकी है. इनमें धीरज कुमार, स्वेता सिंह, विनय कुमार, सोनू पांडे, ममता, धर्मवीर, विनीतसिंह, अरुण, प्रताप सिंह शामिल हैं. वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने भी घटना पर दुख जताया है. माता वैष्णोदेवी मंदिर परिसर में हुई इस घटना के बारे में जानकर बेहद दुख हुआ. मृतकों के परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं. सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की ईश्वर से प्रार्थना करता हूं.

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