
15 जनवरी को सेना दिवस पर सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान से घुसपैठ कर रहे जैश ए मोहम्मद के 5 आतंकियों को ढेर कर दिया था. ये सभी आतंकी झेलम नदी से एक नाव के जरिये उरी सेक्टर में घुसपैठ कर रहे थे.
जिस नाव का इस्तेमाल आतंकियों ने भारत में घुसने किया था, उसकी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह नाव अभी भी झेलम नदी में तैरती दिखाई दी है.
बता दें कि 15 जनवरी को उरी सेक्टर में घुसपैठ कर रहे 5 आतंकियों को सेना ने मार गिराया था, फिर एलओसी के कोटली में जवाबी गोलीबारी के दौरान 7 पाकिस्तानी सेना के जवानों को ढेर किया था. यह ऑपरेशन भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से चलाया था.
इस बारे में जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी एसपी वैद ने बताया था कि जम्मू कश्मीर के उड़ी सेक्टर में घुसपैठ करने के संभावित प्रयासों के बारे में सुरक्षा बलों को पहले से ही सूचना मिली थी. इस वजह से जम्मू कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की टीमें इस इलाके में तैनाथ थी. जिसके बाद 5 आतंकियों को मार गिराया गया था.
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से हो रही घुसपैठ की कोशिश
भारतीय सेना ने 28- 29 सितंबर 2016 की रात को नियंत्रण रेखा के पार जाकर सात आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. सर्जिकल स्ट्राइक से कुछ दिनों पहले उरी हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद ही भारत ने कायरों की तरह हमला करने वाले आतंकियों को सबक सिखाने का मन बना लिया था. भारत के जांबाज सैनिकों ने एलओसी के पार जाकर आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर दिया.
उस समय रात के बारह बजे पुंछ से एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर 'ध्रुव' पर 4 और 9 पैरा के 25 कमांडो सवार होकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल हुए थे. नियंत्रण रेखा के पार हेलिकॉप्टर ने इन जवानों को एक सुनसान जगह उतार दिया. पाकिस्तानी सेना की फायरिंग की आशंका के बीच इन कमांडोज ने तकरीबन तीन किलोमीटर का फासला रेंग कर तय किया. देश में तबाही मचाने के लिये यहां आतंकियों के लॉन्च पैड्स भिंबर, केल, तत्तापानी और लीपा इलाकों में स्थित थे.
पलक झपकते ही कमांडोज ने आतंकियों पर ग्रेनेड से हमला किया. अफरा-तफरी फैलते ही स्मोक ग्रेनेड के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग की और देखते ही देखते 38 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया. हमले में पाकिस्तानी सेना के दो जवान भी मारे गए थे. सेना की इस कार्रवाई के बाद से ही आतंकी बार-बार भारतीय सेना में घुसपैठ की कोशिश में लगे हुए हैं. हालांकि, अब तक उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई है.