जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का सफाया करने का काम तो कई सरकारों में हुआ लेकिन आतंकवादियों के खिलाफ सेना को फ्री हैंड तब मिला जब 31 दिसंबर 2016 को थल सेना अध्यक्ष के रूप में देश को जनरल बिपिन रावत मिले. इन्होने आतंकवादियों को उनकी ही भाषा में जवाब देने की जो शुरुआत की उसका नाम था- ऑपरेशन ऑलआउट. इस ऑपरेशन ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद की कमर तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी. ऑपरेशन ऑलआउट के तहत वर्ष 2017 में 120 आतंकवादी मारे गये. अगले साल ये आंकड़ा बढ़कर 271 हो गया यानी डबल से भी ज्यादा हो गए. वर्ष 2019 आते आते आतंकवादियों को कश्मीर में कदम रखने से डर लगने लगा, सेना ने इस साल 163 आतंकवादियों की कब्रें खोदीं. देखें वीडियो.
The mission of eliminating terrorism from Jammu and Kashmir was continued by many governments, but the army got a free hand against the terrorists when the country got General Bipin Rawat as the Chief of Army Staff on 31 December 2016. Watch this video to understand how 'Operation All Out' helps in wiping out the terrorist from Jammu and Kashmir.