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'अमित शाह, हिमंता सरमा और शिवराज चौहान को झारखंड में सांप्रदायिक तनाव न भड़काने की सलाह दें', राज्य सरकार की चुनाव आयोग से अपील

आरोप लगाया गया है कि न केवल राज्य के शीर्ष नौकरशाहों को धमकाने की कोशिश की जा रही है, बल्कि 'पूरे प्रशासन को पंगु और अपंग बनाने' की कोशिश की जा रही है और 'उन नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई' की मांग की गई है जो कीचड़ उछालने में लगे हैं. राज्य के आंतरिक मामलों और प्रशासन में हस्तक्षेप कर रहे हैं.' 

चुनाव आयोग ने हरियाणा सरकार के इस फैसले पर लगाई रोक. चुनाव आयोग ने हरियाणा सरकार के इस फैसले पर लगाई रोक.
aajtak.in
  • रांची,
  • 10 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST

झारखंड सरकार ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भाजपा नेताओं हिमंता बिस्वा सरमा और शिवराज सिंह चौहान को एक सलाह जारी करने के लिए कहे कि वे सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करके 'संकीर्ण राजनीतिक लाभ' के लिए राज्य में सांप्रदायिक तनाव 'भड़काने' से बचें.

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे एक पत्र में झारखंड सरकार ने शाह को यह सलाह देने का भी आग्रह किया है कि राजनीतिक लाभ के लिए सीएम पद और ऑफिसियल मशीनरी का दुरुपयोग रोका जाए. इसके अलावा सरकारी खजाने का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए न हो.

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प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को डराने का आरोप
झारखंड के कैबिनेट सचिवालय एवं सतर्कता विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने हाल ही में भारत निर्वाचन आयोग को लिखे पत्र में भाजपा पर 'प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को डराने' का प्रयास करने का आरोप लगाया है, ताकि वे न्यायोचित एवं विधिसम्मत निवारक एवं दंडात्मक कार्रवाई न कर सकें. उन्होंने कहा, भाजपा 'धार्मिक भावनाओं को प्रभावित करके एवं सांप्रदायिक अशांति पैदा करके क्षेत्र में सांप्रदायिक अशांति एवं तनाव पैदा करने' का प्रयास कर रही है.

पत्र में निर्वाचन आयोग से 'निष्पक्षता सुनिश्चित करने, दोनों पक्षों को अवसर देने तथा आगामी विधानसभा चुनावों के संबंध में झारखंड में तैनात सरकारी अधिकारियों एवं पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कोई भी कार्रवाई करने से पहले विस्तृत जांच करने' का भी आग्रह किया गया है.

पत्र में लोकसभा चुनावों के दौरान अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी से हटाए जाने के उदाहरणों का हवाला देते हुए उल्लेख किया गया है कि 'झारखंड राज्य की नौकरशाही एवं पुलिस पर इस व्यवस्थित एवं सुनियोजित हमले ने झारखंड की नौकरशाही एवं पुलिस विभाग के रैंक एवं फाइल में व्यापक भय एवं मनोबल की भावना पैदा कर दी है.' 'ये भाजपा के राज्य में सत्ता में आने की स्थिति में अधिकारियों को गलत तरीके से काम पर लगाने के लिए बेबुनियाद प्रयास हैं.'

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इसमें आरोप लगाया गया है कि न केवल राज्य के शीर्ष नौकरशाहों को धमकाने की कोशिश की जा रही है, बल्कि 'पूरे प्रशासन को पंगु और अपंग बनाने' की कोशिश की जा रही है और 'उन नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई' की मांग की गई है जो कीचड़ उछालने में लगे हैं. राज्य के आंतरिक मामलों और प्रशासन में हस्तक्षेप कर रहे हैं.' 

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