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अफगानिस्तान से लौटे झारखंड के बबलू, रुंधे गले से बोले - मैंने तालिबानियों को देखा

बबलू ने अफगानिस्तान से लौटने के बाद अपना दर्द साझा किया और तालिबान के जुर्म की दास्तान भी बताई. बबलू ने रुंधे गले से कहा कि मैंने तालिबान को देखा है.

रांची एयरपोर्ट से बाहर निकले बबलू ने साझा किया दर्द रांची एयरपोर्ट से बाहर निकले बबलू ने साझा किया दर्द
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 23 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST
  • रुंधे गले से बताई तालिबानी जुर्म की कहानी
  • कहा- अपनी आंख से देखा है डर का माहौल

झारखंड के बोकारो के बेरमो निवासी बबलू भी अफगानिस्तान में फंसे हुए थे. बबलू रविवार को अपने वतन वापस लौट आए. बबलू ने अफगानिस्तान से लौटने के बाद अपना दर्द साझा किया और तालिबान के जुर्म की दास्तान भी बताई. बबलू ने रुंधे गले से कहा कि मैंने तालिबान को देखा है. छलछलाती आंख और भर्राए गले से बबलू ने कहा कि अपनी आंख से वहां डर का माहौल देखा है.

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बबलू ने कहा कि वहां डर का माहौल है. ये अब तक दिल-दिमाग में कौंध रहा है. अब वतन वापसी के बाद राहत मिली है. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां क्या कुछ हो रहा है, ये वही बता सकते हैं जिन्होंने इसका दंश झेला है. बोकारो के बेरमो निवासी बबलू रविवार की देर शाम रांची एयरपोर्ट पहुंचे. बड़ी ही मुश्किल से अपने वतन लौटे बोकारो के बबलू जब रांची एयरपोर्ट पर पहुंचे तो अपनी जन्मभूमि को चूम लिया.

बबलू की आंखों में थे खुशी के आंसू

देश की धरती पर कदम रखते ही बबलू की आंख से खुशी के आंसू छलक पड़े. गौरतलब है कि बेरमो के बबलू अफगानिस्तान में फंसे थे. वतन वापसी के लिए बबलू के परिजनों ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई थी. खुद मुख़्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी विदेश मंत्री से लेकर आला अधिकारियों को ट्वीट कर बबलू को रेस्क्यू करने के लिए आग्रह किए थे.

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रांची एयरपोर्ट पर उतरने के बाद उसने अपनी धरती को चूमा, फिर भारत माता की जय के नारे लगाए. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हालात का जिक्र करते हुए बबलू ने बताया कि उसने अपनी आंखों से वहां डर का माहौल देखा है जो उसके दिल-ओ-दिमाग में अब तक कौंध रहा है.

 

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