
झारखंड में कोरोना संकट की आशंका के बीच अनलॉक 5 में भी सरकार ने मंदिरों को आम लोगों के लिए खोले जाने की इजाजत अभी नहीं दी है. 25 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने जा रहा है, प्रशासन असमंजस में है कि कोरोना संकट के बीच देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ का मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाए या नहीं.
कोरोना की दूसरी लहर में राज्य में भारी जनहानि हुई थी, ऐसे में प्रशासन लॉकडाउन भी कई चरणों के तहत खोल रहा है. सभी मंदिर भक्तों के लिए बंद हैं, ऐसे में न तो मंदिर खोलने पर कोई निर्णय अब तक लिया गया है, न ही सावन में लगने वाले श्रावणी मेले पर. देवघर का श्रावणी मेला देशभर में प्रसिद्ध है. यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
25 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने जा रहा है और इस बार भी इस बात को लेकर असमंजस है कि कोरोना संकट के बीच देवघर का बाबा मंदिर भक्तों के लिए खुलेगा या नहीं. पिछली बार कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कुछ शर्तों के साथ थोड़ी छूट दी गई थी. लेकिन, कोरोना की दूसरी लहर में हुई भारी तबाही के बाद सरकार फूंक-फूंककर कदम रख रही है. दो दिन पहले अनलॉक-5 के लिए जारी गाइडलाइन में सरकार ने सभी मंदिरों को आम लोगों के लिए अभी बंद रखने का निर्णय लिया है. श्रावणी मेला को लेकर भी कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
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असमंजस में सरकार और भक्त
सावन का महीना 25 जुलाई से 22 अगस्त तक चलेगा. मंदिर को लेकर सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है. श्रद्धालु असमंजस में हैं कि वे देवघर में बाबा बैद्यनाथ का दर्शन कर सकेंगे या नहीं. दरअसल बाबा धाम जाने के लिए श्रद्धालु तैयारियां पहले से ही शुरू कर देते हैं. जुलाई का महीना शुरू होने के बाद ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस बार भी भगवान के दर्शनों के लिए भक्तों को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा.
मंदिर के लिए विशेष पैकेज की मांग
दरअसल हाल में ही पंडा धर्मरक्षणी सभा के शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और मंदिर खोलने के संबंध में जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया है. शिष्टमंडल ने लॉकडाउन में बाबा मंदिर से जुड़े पंडा समाज की स्थिति और दुकानदारों की बदहाली के बारे में भी बताया. शिष्ट मंडल ने आग्रह किया है कि मुख्यमंत्री प्रभावित लोगों के लिए विशेष राहत पैकेज का ऐलान करें.
कोविड प्रोटोकॉल के तहत खोले जाएं मंदिर
धर्मरक्षणी सभा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि बाबा बैद्यनाथ मंदिर को खोलने की इजाजत दी जाए. मंदिर में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा, सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को मंदिर में पूजन और जल अर्पण करने की अनुमति दी जाएगी. इन नियमों पर विचार करते हुए सीएम से मंदिरों को खोलने की इजाजत मांगी गई है.
महीनेभर में ही हो जाती है सालभर की कमाई!
दरअसल सावन में मेला और बाबा बैद्यनाथ के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की वजह से जितनी कमाई होती है, उससे यहां के लोगों का सालभर का इंतजाम हो जाता है. पुजारियों का कहना है कि उनका पुश्तैनी काम पूजा-पाठ ही है. एक महीने में इतनी कमाई हो जाती है कि पूरे साल आराम से घर चलता है. लेकिन, पिछले साल भी कोरोना के कारण मेला नहीं लगा और इस बार भी कमोबेश वही स्थिति दिख रही है.