Advertisement

देवघर एयरपोर्ट विवाद में क्यों फंसे BJP सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी? जानिए पूरा मामला

झारखंड के देवघर एयरपोर्ट पर एटीसी क्लीयरेंस के लिए दबाव बनाने पर गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी और कपिल मिश्रा समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसको लेकर बीजेपी की ओर से झारखंड सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए गए हैं. वहीं निशिकांत ने देवघर के डीसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी (फाइल फोटो) बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:31 PM IST

झारखंड के देवघर एयरपोर्ट की सुरक्षा में चूक के मामले में गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी समेत 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है. निशिकांत दुबे पर आरोप है कि उन्होंने फ्लाइट टेकऑफ के लिए दबाव बनाया और जबरन एटीसी क्लीयरेंस लिया. इस मामले में जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है उनमें कपिल मिश्रा के साथ निशिकांत के दो बेटे भी शामिल हैं. 

Advertisement

डीएसपी द्वारा की गई शिकायत के मुताबिक, 31 अगस्त की दोपहर एक बजे निशिकांत दुबे समेत 9 लोग चार्टर्ड प्लेन से देवघर आए थे. शाम में वापसी के दौरान करीब सवा पांच बजे दुबे समेत अन्य लोग जबरन एटीसी रूम में प्रवेश कर गए. इसके बाद क्लीयरेंस लेकर सांसद और उनके साथ के लोग चार्टर्ड प्लेन से वापस लौट गए. डीएसपी ने आवेदन में कहा था कि एयरपोर्ट के संचालन के सुरक्षा मानकों का इन लोगों ने उल्लंघन करते हुए एटीसी में प्रवेश किया. बता दें कि देवघर एयरपोर्ट पर का संचालन कुछ दिन पहले ही शुरू हुआ है, इसलिए अभी यहां नाइट में उड़ानों की सुविधा नहीं है. 

किन लोगों पर दर्ज हुई FIR 

एयरपोर्ट के एटीसी रूम में जबरन घुसने और नियमों के उल्लंघन के आरोप में गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, उनके दोनों बेटों माहिकांत दुबे, कनिष्क कांत दुबे, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, मुकेश पाठक, देवता पांडेय, पिंटू तिवारी और देवघर एयरपोर्ट के निदेशक संदीप ढींगरा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. संदीप ढींगरा पर आरोप है कि उन्होंने अपने कर्तव्यों का सही ढंग से पालन नहीं किया.  

Advertisement

देवघर के डीसी के खिलाफ जीरो FIR दर्ज: मनोज तिवारी  

देवघर एयरपोर्ट सिक्योरिटी ब्रीच मामले में एक और एफआईआर दर्ज की गई है. बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने आजतक से बाचतीत करते हुए दावा किया हमने देवघर के डीसी मंजूनाथ के खिलाफ सीसीटीवी फुटेज को अवैध रूप से एक्सेस करने के लिए जीरो एफआईआर दर्ज कराई है. ऐसे फुटेज को पुन: प्राप्त करने की एक प्रक्रिया है, जिसका पालन नहीं किया गया.

मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार के निर्देश पर हमारे खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. सोरेन सरकार अंकिता के परिवार के साथ नहीं खड़ी है. 

मुझे और निशिकांत को परिसर में घूमने का अधिकार: तिवारी 

मनोज तिवारी ने बताया कि हमने अंकिता के परिवार से मुलाकात की. उसे शाहरुख नाम के आरोपी ने जिंदा जला दिया था. एयरपोर्ट के एटीसी रूम में घुसने के आरोप पर उन्होंने कहा कि हमने कुछ गलत नहीं किया. निशिकांत देवघर एयरपोर्ट के अध्यक्ष हैं, उन्हें परिसर में स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकार है. मैं स्थायी समिति का सदस्य हूं. मुझे भी ऐसा करने का अधिकार है. देवघर के डीसी ने अवैध तरीके से सीसीटीवी फुटेज एक्सेस किया, हालांकि अब उन्होंने ट्वीट हटा दिया है. 

दिल्ली जाते समय 4 ATC क्लीयर होती हैं: दुबे 

Advertisement

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने आजतक से बात करते हुए कहा था कि अगर एटीसी क्लीयर नहीं होती तो पायलट का लाइसेंस कैंसिल हो जाता. उन्होंने बताया कि उड़ान भरने के लिए केवल एक एटीसी नहीं लेनी होती है. दिल्ली तक जाने के लिए चार एटीसी क्लीयर होती हैं तो क्या सभी एटीसी झूठ बोल रही हैं. वहीं नाइट लैंडिंग के सवाल पर कहा कि देवघर में शाम 6.06 बजे सनसेट हुआ था और हमारा प्लेन 6.17 बजे उड़ा था. 

बंदरनाच करके मुद्दा नहीं भटका सकती है JMM

निशिकांत दुबे का दावा है कि एयरपोर्ट पर तैनात सुरक्षा कर्मियों ने उनके बेटों को गाली दी. उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी.उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि असल सवाल अंकिता के साथ हुई दर्दनाक घटना का है. सवाल राज्य के प्राइवेट CM का है जो जनता के लिए नहीं, बल्कि अपने परिवार की सेवा के लिए कुर्सी पर हैं. ये बंदरनाच करके मुद्दा भटकाने का काम झारखंड मुस्लिम मोर्चा नहीं कर सकती. महिला विरोधी इस्लामिक स्टेट विचारधारा वाली JMM का मन ठंडा करने का काम हम करेंगे.

निशिकांत ने झारखंड सरकार पर लगाए आरोप 

बीजेपी सांसद दुबे ने कहा कि झारखंड सरकार नहीं चाहती है कि देवघर एयरपोर्ट सुचारू रूप से चले. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मालिक और देवघर एयरपोर्ट के डायरेक्टर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करा दी. निशिकांत ने खुद को एडवाइजरी कमेटी का चेयरमैन बताते हुए कहा कि वो एटीसी रूम में जा सकते हैं क्योंकि वो एयरपोर्ट की एडवाइजरी कमेटी के चेयरमैन हैं. इसके अलावा बीजेपी सांसद मनोज तिवारी सिविल एविएशन कमेटी के मेंबर हैं.  

Advertisement

निशिकांत बोले- इंसाफ़ की लड़ाई बंद नहीं होगी 

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ट्वीट करते हुए कहा कि मुद्दा अंकिता की निर्मम हत्या है. उन्होंने कहा कि हम लोग पीड़िता के परिवार से मिलने क्या गए सीएम हेमंत सोरेन इतना बौखला गए कि पूरा पेड सिस्टम और अधिकारी गाली देने लगे. उन्होंने कहा कि अंकिता और झारखंड के इस्लामीकरण से त्रस्त परिवार के इंसाफ़ की लड़ाई इस मुक़दमे से बंद नहीं होगी.  

सरकार ने डीसी को क्यों नहीं हटाया?- निशिकांत 

इसके बाद फिर निशिकांत दुबे ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने मेरे खिलाफ झूठे मुकदमे लगाने वाले देवघर के डीसी को हटाने का आदेश दिया था. यह आदेश आज से 5 दिन पहले दिया गया था, इसके बदले में जबरदस्ती केस किया गया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंतजी का चूल हिलेगा. 

कपिल मिश्रा बोले- मुकदमे से नहीं डरेंगे हम 

वहीं इस मामले में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा कि हमारे अंकिता के यहां जाने से झारखंड के CM बौखला गए हैं. निशिकांत जी के बेटों तक पर झूठे केस. हम झारखंड के पीड़ितों की आवाज़ उठाते रहेंगे. इस्लामिक तुष्टिकरण में डूबी सरकार का पर्दाफ़ाश करते रहेंगे. तुम्हारी पुलिस और मुक़दमे हमें ना डरा सकते, ना रोक सकते. 

Advertisement

झारखंड सरकार पर बरसी बीजेपी 

वहीं बीजेपी ने झारखंड में बीजेपी डेलीगेशन के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने पर विरोध जताया है. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि हमारे डेलीगेशन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बजाय झारखंड सरकार को अंकिता के परिवार से मिलना चाहिए था. 

देवघर क्यों आया था बीजेपी का डेलीगेशन? 

दरअसल बीजेपी का ये डेलीगेशन दुमका की पीड़िता अंकिता के परिवार से मिलने गया था. दुमका की रहने वाली 12वीं की छात्रा अंकिता को 23 अगस्त की तड़के शाहरुख नाम के युवक ने जिंदा जला दिया था. इस वारदात के 5 दिन बाद रांची के रिम्स में अंकिता ने दम तोड़ दिया. आरोप है कि शाहरुख नाम का युवक अंकिता का पीछा करता था और उस पर बात करने का दबाव बना रहा था. अंकिता ने इनकार किया तो उसने इस वारदात को अंजाम दिया. वहीं 23 साल का शाहरुख 5वीं कक्षा तक ही पढ़ा है और वह ड्रग्स लेता है.

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement