
भाजपा ने बुधवार को मांडू विधायक जय प्रकाश भाई पटेल के कांग्रेस में शामिल होने के कुछ घंटों बाद स्पीकर से उन्हें झारखंड विधानसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो को लिखे पत्र में विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने कहा कि पटेल ने भाजपा के चुनाव चिन्ह पर मांडू विधानसभा सीट जीती और पांचवीं झारखंड विधानसभा के सदस्य बने. बाउरी ने कहा, पटेल फिलहाल पार्टी में सचेतक के पद पर हैं. अब उन्होंने कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली है, अत: दल-बदल विरोधी कानून के तहत उनकी विधायकी रद्द होनी चाहिए.
चंदनकियारी से भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने स्पीकर को लिखे अपने पत्र में कहा, 'संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए, जय प्रकाश भाई पटेल बुधवार को दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए, जो दल-बदल विरोधी कानून के दायरे में आता है. उन्होंने स्पीकर से संविधान की 10वीं अनुसूची और अयोग्यता नियम 2006 के तहत पटेल के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध किया. उन्होंने मांग की कि पटेल को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया जाए.
जय प्रकाश पटेल नई दिल्ली में झारखंड के एआईसीसी प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, राज्य मंत्री आलमगीर आलम और पार्टी के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए. वह मांडू विधानसभा सीट से तीन बार विधायक हैं, जो हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. इससे पहले वह झामुमो के विधायक थे. ऐसी चर्चाएं हैं कि कांग्रेस जय प्रकाश पटेल को हजारीबाग लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है. बीजेपी ने मनीष जायसवाल को यहां से टिकट दिया है, जो वर्तमान में हजारीबाग सदर से विधायक हैं.
जय प्रकाश पटेल ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थामने के बाद कहा, 'मैं किसी पर आरोप नहीं लगा रहा. 2019 के लोकसभा चुनाव में न सिर्फ बीजेपी बल्कि एनडीए गठबंधन के लिए प्रचार किया. हमें लगा कि झारखंड के लोगों के लिए काम कर सकेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका'. उन्होंने आगे कहा, 'मेरे पिता टेक लाल महतो अग्रणी योद्धा थे, हमें लगा कि एनडीए में जाने से उनके विजन को आगे बढ़ा पाएंगे, लेकिन ऐसा माहौल नहीं बना. अब हम इंडिया ब्लॉक को झारखंड में मजबूत करेंगे'.