
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल और इलेक्शन कमीशन पर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में लंबे समय से डिसीजन को पेंडिंग रखने को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि ये मामला 25 अगस्त के बाद से पेंडिंग है. सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का संभवतः पहला ऐसा राज्य होगा, जहां के सीएम दरवाजे खटखटा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर वह कसूरवार हैं, तो उन्हें सजा क्या दी गई है, इस बात की जानकारी भी तो दी जाए.
CM हेमंत सोरेन ने कहा कि न तो इलेक्शन कमीशन ने उनकी अर्जी पर कोई सुनवाई की. न ही राज्यपाल ने कुछ बताया है. उन्होंने कहा कि RTI के तहत भी अर्जी लगाकर ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में ECI के मंतव्य को जानने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि साजिश के तहत उनके प्रतिद्वंद्वियों ने अनिश्चितता फैलान की कोशिश की है. सोरेन ने कहा कि उनके विरोधियों को ये हजम नहीं होता कि एक दलित और आदिवासी का बच्चा सीएम के पद को संभाल रहा है.
सीएम सोरेन का दावा है कि सरकार ने 3 साल का सफर तो तय कर लिया है, अब वो 5 साल भी पूरे करेगी. मुंगेरी लाल के हसीं सपने देखने वाले विपक्ष की रोटी यहां नहीं सिक पाएगी. विपक्ष फिलहाल नेता विहीन है.
सीएम हेमंत सोरेन ने केंद्र पर गैर बीजेपी शासित प्रदेशों के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि झारखंड का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपया बकाया है. हर योजना में फंड रिलीज करने में केंद्र सरकार की ओऱ से कटौती कंजूसी की जा रही है. बिहार में भी महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अब नीतीश कुमार के साथ भी ऐसा ही किया जा रहा है.
अगले चुनाव में बीजेपी से लड़ने के लिए वो नीतीश समेत ममता, केसीआर के साथ होंगे या कांग्रेस के साथ रहेंगे. इस पर उन्होंने कहा कि ये अभी प्री-मैच्योर है. वक्त आने पर ही फैसला लिया जाएगा. उन्होंने केंद्र और अमित शाह द्वारा झारखंड और बिहार से नक्सलवाद खत्म करने का क्रेडिट लेने पर कहा कि राज्य सरकार के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है. ईडी की करवाई पर सीएम ने कहा कि संवेधैनिक संस्थाओं के सहारे बीजेपी अपनी राजनीति चमकाना चाहती है.
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