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CM सोरेन के वकील ने EC से राज्यपाल के पत्र की प्रति मांगी, कहा- लाभ का पद केस में सुनें हमारी बात

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वकील ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में राज्यपाल ने चुनाव आयोग से दूसरी राय मांगी है. इस मामले में अब सीएम सोरेन का खेमा भी एक्टिव मोड में आ गया है.

हेमंत सोरेन (फाइल फोटो) हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 07 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:58 AM IST

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में चुनाव आयोग ने राज्यपाल को अगस्त में अपनी सिफारिश भेज दी थी. चुनाव आयोग की सिफारिश के बाद सूबे की सरकार के नेतृत्व और सीएम सोरेन के सियासी भविष्य पर संकट के बादल गहरा गए थे. सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा और सत्तासीन गठबंधन के अन्य घटक दल भी एक्टिव हो गए थे.

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राज्यपाल ने 27 अक्टूबर को इसे लेकर छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक बयान दिया था जिसको लेकर सूबे की सियासत में फिर से हलचल बढ़ती नजर आ रही है. राज्यपाल की ओर से ये बयान दिए जाने के बाद कि भारत निर्वाचन आयोग को केस 3(G)/2022 मामले में 31 अक्टूबर 2022 को पत्र भेजकर दूसरी राय मांगी है, सीएम सोरेन का खेमा भी फिर से एक्टिव मोड में आ गया है.

सीएम सोरेन के वकील वैभव तोमर ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्यपाल की ओर से मांगी गई दूसरी राय वाले पत्र की कॉपी उपलब्ध कराने की मांग की है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने अपने पत्र में कहा है कि उनके मुवक्किल को इस संबंध में चुनाव आयोग की ओर से कोई जानकारी नहीं मिली है.

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अधिवक्ता वैभव तोमर ने ये भी लिखा है कि भारत के संविधान के तहत गठित निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्थान है. उन्होंने चुनाव आयोग को लिखे पत्र में ये भी मांग की है कि उनके मुवक्किल की बात को निष्पक्ष और प्रभावी तरीके से सुने बिना चुनाव आयोग राज्यपाल की ओर से मांगी गई दूसरी राय न दे. गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने ऑफिस ऑफ प्रॉफिट केस में सीएम सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी.

गौरतलब है कि हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपने नाम से खनन का पट्टा आवंटित कराने का आरोप है. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे लेकर सीएम सोरेन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. राज्यपाल ने इस आरोप पर चुनाव आयोग से राय मांगी थी. चुनाव आयोग ने सीएम सोरेन की विधायकी रद्द करने की सिफारिश की थी.

हालांकि, चुनाव आयोग की सिफारिश पर अमल नहीं किया गया है. सीएम सोरेन ने इस सिफारिश को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया था. सीएम सोरेन ने चुनाव आयोग पर उनका पक्ष सुने बिने एकतरफा फैसला कर अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेज देने का आरोप लगाया था.

 

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