
झारखंड में लंबे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने विश्वास मत जीत लिया है. सरकार के पक्ष में 48 वोट पड़े हैं, जबकि बीजेपी ने सदन का बहिष्कार कर दिया. सोमवार को हेमंत सोरेन ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था. इससे पहले रविवार देर रात विधायक दल की बैठक हुई थी. इसमें विश्वास प्रस्ताव का फैसला लिया गया था.
हेमंत सोरेन लंबे समय से दावा कर रहे थे कि हमारे पास बहुमत है. बीजेपी कितनी भी कोशिश क्यों न कर ले, हमारे विधायकों को प्रभावित नहीं कर सकती. वहीं बीजेपी बार-बार कह रही थी कि विश्वास मत लाने की जरूरत क्यों पड़ रही है. लेकिन जैसे ही विश्वास मत की प्रकिया शुरू हुई वैसे ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. हेमंत सोरेन के पक्ष में 48 विधायकों ने वोट किया.
विपक्ष ने किया सदन में हंगामा
सोमवार को विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले बीजेपी ने प्रदर्शन किया. साथ ही कहा कि हेमंत सोरेन सरकार का जनता के मुद्दों से सरोकार नहीं है, बल्कि वह अपनी सरकार को बचाना चाहते हैं. सदन के अंदर भी बीजेपी के कुछ विधायक वेल में आए और हंगामा किया. इस दौरान बीजेपी ने दुमका के अंकिता हत्याकांड समेत कई मामले भी उठाए.
सदन में CM सोरेन बोले- पीठ पर वार न करें
हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा कि सरकार की मंशा साफ है. जो भी हथियार चलाना है, तो सामने से वार करें, पीठ पर वार न करें. बेहतर है कि आमने-सामने आएं. सीएम पर जो भी आरोप लगे हैं उसका कानून जवाब देने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि दंगा करके, आग लगाकर किसी का भला नहीं हो सकता.
मरांडी बोले- सोरेन को अपने ही लोगों पर अविश्वास था
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सीएम हेमंत को अपने लोगों पर अविश्वास था, क्योंकि उन लोगों को बंधक बनाकर रखा था, यहां से उन लोगों को रायपुर भेजा गया, फिर वहां से आने पर सर्किट हाउस में रखा गया. वह अपने लोगों से ही डरे हुए थे. कांग्रेस-राजद से डरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमने तो इस प्रक्रिया की मांग ही नहीं की थी.
सत्र से पहले बनाई गई रणनीति
विधानसभा सत्र के लिए पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए सुबह करीब 9 बजे बैठक हुई. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा था कि विश्वास मत हासिल करने के लिए विशेष सत्र बुलाना समझ से परे है. उन्होंने कहा कि पार्टी लाभ के पद के मुद्दे पर सोरेन का इस्तीफा मांगेगी.
चंपई सोरेन बोले- हमारे पास स्पष्ट बहुमत
विधानसभा सत्र से पहले मंत्री चंपई सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि आज झारखंड के लिए महत्वपूर्ण दिन है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में हमारी सरकार विपक्ष के आरोपों का जबाब देगी. सदन में हमारे पास स्पष्ट बहुमत है. उन्होंने कहा कि अब हवाएं ही करेंगी रौशनी का फैसला, जिस दिये में जान होगी वो दिया रह जाएगा. हम तैयार हैं.
बीजेपी ने भी बुलाई थी बैठक
वहीं बीजेपी ने भी रविवार देर शाम अपने सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी. जिसमें आज होने वाले विशेष सत्र को लेकर चर्चा की गई. बैठक में विधायकों को कई तरह के निर्देश जारी किए गए थे.
रायपुर से रविवार को लौटे विधायक
एजेंसी के मुताबिक झारखंड में सत्तारूढ़ यूपीए गठबंधन के करीब 30 विधायक सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने के लिए रायपुर से रविवार दोपहर को रांची वापस आए थे. ये विधायक 30 अगस्त से रायपुर के पास एक रिसॉर्ट में डेरा डाले हुए थे.
हेमंत सोरेन सरकार को 49 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. 81 सदस्यीय सदन में वर्तमान में सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद के एक विधायक हैं, जबकि मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के 26 विधायक हैं. इस बीच सोरेन की विधायकी जाने के बीच सुगबुगाहट तेज हो गई थी. विपक्ष सरकार गिराने के लिए विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग करने में जुटा है. इसको लेकर महागठबंधन के सभी विधायकों को पछले कई दिनों से एक साथ रिजॉर्ट में रखा गया था.
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