
झारखंड में इन दिनों सियासी हलचल तेज बनी हुई है. पहले राज्य में बीजेपी के 'ऑपरेशन लोटस' का खुलासा हुआ. वहीं अब 'लाभ का पद' से जुड़े एक मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तलवार लटक रही है. इन सबके बीच कांग्रेस ने अपने विधायकों से रांची और आसपास के इलाके में ही रहने के लिए कहा है.
सूत्रों ने जानकारी दी है कि कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों से अगले कुछ दिन तक रांची और उसके आसपास ही रहने के लिए कहा है. राज्य की महागठबंधन सरकार के विधायकों की एक अहम बैठक 20 अगस्त को होनी है. ये बैठक मुख्यमंत्री आवास पर होगी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में चल रहे माइनिंग लीज से जुड़े एक मामले को देखते हुए ये सारे घटनाक्रम काफी अहम हो गए हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसे 18 अगस्त के बाद कभी भी सुनाया जा सकता है.
दरअसल एक आरटीआई एक्टिविस्ट शिव शर्मा ने दो PIL दायर कर CBI और ED से एक माइनिंग घोटाले की जांच कराने की मांग की थी. यह मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनियों में उनके और उनके करीबियों की हिस्सेदारी से जुड़ा है. आरोप है कि सीएम हेमंत ने अपने पद का दुरुपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम आवंटित करवा लीं. इस मामले की जांच सीबीआई और ED से करवाने की मांग गई थी, जबकि सोरेन परिवार पर शैल कंपनी में इन्वेस्ट कर अकूत संपत्ति अर्जित करने का मामला है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग ने भी सुनवाई की. दोनों ने जनप्रतिनिधि अधिनियम-1951 की धारा 9A के तहत लाभ का पद से जुड़े नियमों के उल्लंघन को लेकर सुनवाई की थी. अब ये सुनवाई पूरी हो चुकी और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है. इसलिए राज्य में सियासी हलचल तेज हो चली है.