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Jharkhand : चाईबासा 'हिट एंड रन केस' में कांग्रेस नेता सौरभ अग्रवाल को 8 साल की सजा, एक लाख का जुर्माना

चाईबासा जिला कोर्ट ने साल 2018 के हिट एंड रन केस में युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव सौरभ अग्रवाल को 8 साल जेल की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सौरभ की कार की चपेट में आने से 7 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में आज फैसला सुनाया गया है.

झारखंड सीएम के साथ सौरभ अग्रवाल (लाल घेरे में). झारखंड सीएम के साथ सौरभ अग्रवाल (लाल घेरे में).
सत्यजीत कुमार
  • चाईबासा,
  • 30 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 8:20 PM IST

झारखंड के चाईबासा में साल 2018 में हुए हिट एंड रन केस में कोर्ट का फैसला आ गया है. चाईबासा जिला कोर्ट ने 7 लोगों की कार से कुचलकर जाने लेने वाले युवा कांग्रेस प्रदेश सचिव  सौरभ अग्रवाल को जेल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही उस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. पांच साल पहले हुई इस घटना में सोमवार को कोर्ट का फैसला आया है. हालांकि, जिला कोर्ट के इस फैसले को सौरभ के वकील हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. 

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दो मामलों में सजा काटेगा सौरभ

चाईबासा के जिला सत्र न्यायालय में प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की कोर्ट ने चक्रधरपुर के बहुचर्चित हिट एंड रन के मामले में यह बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सौरभ अग्रवाल पर धारा 304 पार्ट 2 के तहत 8 साल का कारवास और 50 हजार रूपये जुर्माना लगाया है.

वहीं धारा 427 के तहत 2 साल की सजा और 50 हजार रूपये का जुर्माना लगाया है. दोनों मामले में अगर जुर्माने की रकम अदा नहीं की गयी तो एक-एक साल का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गयी है. कुल मिलाकर सौरभ अग्रवाल को कोर्ट से 10 साल के सश्रम कारावास के साथ एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गयी है.

हालांकि, दोनों मामलों में सुनाई गयी सजा एक साथ चलेगी. इसलिए हिट एंड रन के दोषी सौरभ अग्रवाल को 8 साल ही जेल में बिताना पड़ेगा. गौरतलब है किसाल 2018 में चक्रधरपुर के बोड़दा पुल के पास सौरभ अग्रवाल ने अपनी कार से रौंदकर सात आदिवासियों की जान ले ली थी. 

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घटना के दौरान की तस्वीर और प्लेन के अंदर बैठा सौरभ अग्रवाल.

 

बस ओनर एसोसिएशन अध्यक्ष का बेटा है सौरभ

सौरभ अग्रवाल पश्चिम सिंहभूम जिले के बस ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल का बेटा है. सौरभ रेत का कारोबारी भी है. यही नहीं सौरभ अग्रवाल खुद को हवाई जहाज का पायलट भी बताता है. बताया जाता है कि सौरभ के पिता प्रदीप अग्रवाल की राज्य सरकार में अच्छी पहुंच है.

वहीं, कोर्ट के इस फैसले को राज्य में बढ़ रहे सड़क हादसे और लोगों की जा रही जान के परिपेक्ष्य में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है. जिससे सड़क पर लापरवाही से वाहन चलाने वालों और सड़क जान लेने वालों पर लगाम कसा जा सकेगा. 

निश्चित तौर पर जिला सत्र प्रधान न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की कोर्ट से आये इस फैसले से उन गरीब आदिवासी परिवार के लोगों को न्याय और राहत मिला होगा, जिनके परिवार के लोगों को सौरभ अग्रवाल ने अपनी कार से कुचल दिया था.

यह है पूरा मामला

बता दें कि वर्ष 2018 की 3 मार्च को कांग्रेस प्रदेश युवा सचिव सौरभ अग्रवाल ने कार से कुचलकर 7 लोगों की जान ले ली थी. हाटगम्हरिया और गोईलकेरा के दो आदिवासी परिवार शादी की रस्म निभाने के लिए चक्रधरपुर के बोड़दा पुल के किनारे ऐराबोंगा नामक पूजा कर रहे थे. पूजा में करीब 20 लोग मौजूद थे.

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इसी दौरान तेज रफ्तार से कार चलाते हुए सौरभ अग्रवाल ने अपनी कार पूजा स्थल में घुसेड़ दी थी. तेज रफ्तार कार की चपेट में 15 लोगों सहित कई मवेशी भी आ गए थे. इस हादसे में 7 लोगों की मौत हो गयी थी, जबकि 8 लोग घायल हो गए थे.

हादसे के बाद खूब हंगामा मचा था. लोगों ने सौरभ अग्रवाल पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की थी. हंगामे के बाद सौरभ को गिरफ्तार कर लिया गया था. करीब 5 साल बाद अब जाकर मामले में फैसला आया है.

सीएम सोरेन सहित कई नेताओं के साथ सौरभ की तस्वीरें

सौरभ अग्रवाल की झारखंड सीएम हेमंत सोरेन सहित कई नेताओं के साथ की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर मौजूद हैं. वह खुद के पायलट होने की बात भी कहता आया है. 

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