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Dhanbad Judge Death: झारखंड हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद CBI फिर एक्टिव, सीन रिक्रिएट किया

सीबीआई ने पिछली सुनवाई में मोबाइल चोरी की बात कही थी. इस पर कोर्ट ने कहा था कि आरोपियों ने नार्को टेस्ट में माना है कि वे जज को पहले से जानते थे. सीबीआई को मामले में सही से जांच करनी चाहिए.

जज को टक्कर मारने वाले ऑटो का सीसीटीवी फुटेज, इनसेट में जज उत्तम आनंद (File Photo) जज को टक्कर मारने वाले ऑटो का सीसीटीवी फुटेज, इनसेट में जज उत्तम आनंद (File Photo)
सत्यजीत कुमार
  • धनबाद,
  • 26 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST
  • 28 जनवरी को फिर होनी है मामले की सुनवाई
  • कोर्ट ने सीबीआई की रिपोर्ट पर जताई थी असंतुष्टि

झारखंड के धनबाद के चर्चित जज हत्याकांड में सीबीआई ने दोबारा अपनी जांच शुरू की है. माना जा रहा है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई की प्रोग्रेस रिपोर्ट के प्रति असंतुष्टि जाहिर की थी. इसलिए अब जांच एजेंसी फिर धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर जांच शुरू कर रही है. सीबीआई ने बुधवार को मौके पर पहुंचकर सीन रिक्रिएट किया.

मामले में 21 जनवरी को चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन की डबल बेंच में सुनवाई हुई थी. इस दौरान सीबीआई की जांच पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा था कि क्या सीबीआई आरोपियों को बचा रही है? सीबीआई ने इस घटना को मोबाइल चोरी से जोड़कर दिखाया था. इस थ्योरी को कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया था.

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कोर्ट ने कहा कि नार्को टेस्ट की रिपोर्ट में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि जिस व्यक्ति को ऑटो से टक्कर मारी वह एक जज है. जिस समय घटना घटी उस समय ऑटो सवार के हाथ में मोबाइल नहीं रुमाल था. ADJ उत्तम आनंद जब मॉर्निंग वॉक से वापस घर जा रहे थे तो पीछे से ऑटो ने उन्हें जानबूझकर टक्कर. सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखता है कि ऑटो सीधे जा रहा था, फिर तिरछे जाकर उसने जज को टक्कर मारी.

21 जनवरी को सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर एसवी राजू ने सीबीआई की ओर से पेश सभी जांच रिपोर्ट और नार्को टेस्ट रिपोर्ट का हवाला देकर कोर्ट में दलील पेश की थी. इस दौरान बताया गया कि कुछ साक्ष्य कहते हैं मोबाइल चोरी के लिए हत्या की गई है. जबकि कुछ साक्ष्य कहते हैं कि टक्कर मारने से पहले ऑटो चालकों को जानकारी थी कि वह व्यक्ति जज है. नार्को टेस्ट में भी ऑटो चालकों ने स्वीकार किया कि वे जज को जानते थे. इस पर कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को मामले में सही से जांच करनी चाहिए. आरोपियों को बचाने के लिए कोर्ट में सीबीआई तर्क न पेश करे. 

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इससे पहले की सुनवाई में भी कोर्ट ने सीबीआई जांच से असंतुष्टि व्यक्त की थी. कोर्ट ने कहा था कि हमने सीबीआई से पहले ही कहा था कि जितना अधिक समय लगेगा उतने ही अधिक तथ्य ढूंढने होंगे. इस दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि अब तक मामले में 200 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई.

माना जा रहा है कि सीबीआई ने एक बार फिर 26 जनवरी को एसएसएलएनटी कॉलेज के समीप से रणधीर वर्मा चौक होते हुए जज कॉलोनी एवं वापस कॉलेज तक मुआयना किया. उन्होंने क्राइम सीन को रिक्रिएट करने की कोशिश भी की.

मॉर्निंग वॉक पर निकले थे जज

जज के साथ यह घटना 28 जुलाई 2021 को घटी थी. एडीजे उत्तम आनंद मॉर्निंग वॉक पर निकले थे, तभी एक ऑटो ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी. इस घटना में एडीजे की मौके पर ही मौत हो गई थी. उधर, पूरी घटना पास में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई थी, जिसके आधार पर मामले की जांच की जा रही है. धनबाद पुलिस ने FIR में 302 की धारा लगाई थी. SIT का गठन कर जांच भी की गई. बाद में मामले को सीबीआई को सौंप दिया गया. मामले की अगली सुनवाई 28 जनवरी को होनी है.

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