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झारखंड के हेल्थ सेक्रेटरी ने कहा- पैसे और दहेज के लिए बनते हैं डॉक्टर, IMA इस्तीफे पर अड़ा

झारखंड के स्वास्थ्य सचिव ने बयान दिया था कि आधे डॉक्टर पैसा कमाने के लिए डॉक्टर बनते हैं, और आधे मोटा दहेज लेने के लिए डॉक्टर बनते हैं.

IMA के डॉक्टर्स, झारखंड के स्वास्थ्य सचिव का इस्तीफा मांग रहे हैं. IMA के डॉक्टर्स, झारखंड के स्वास्थ्य सचिव का इस्तीफा मांग रहे हैं.
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 11 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 12:13 PM IST
  • IMA ने 7 दिन के अंदर एक्शन लेने के लिए कहा है
  • अगर इस्तीफा नहीं दिया गया तो डॉक्टर्स करेंगे धरना

झारखंड के हेल्थ सेक्रटरी के बयान पर मामला बढ़ता जा रहा है, हेल्थ सेक्रेटरी के इस्तीफे की मांग को लेकर झारखंड के डॉक्टर पीछे हटते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं. झारखंड के डॉक्टरों ने स्वास्थ्य सचिव (health secretary) के आपत्तिजनक बयान के लिए इस्तीफे की मांग की है.

हेल्थ सेक्रेटरी के बयान को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने एक मीटिंग की है और कहा कि अगर 7 दिन के अंदर हेल्थ सेक्रेटरी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया तो वे इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन करेंगे. झारखंड के स्वास्थ्य सचिव ने बयान दिया था, ''आधे डॉक्टर पैसा कमाने के लिए डॉक्टर बनते हैं और आधे लोग मोटा दहेज लेने के लिए डॉक्टर बनते हैं.'' इस बयान के कारण झारखंड के डॉक्टरों में भारी आक्रोश है.

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IMA के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राज्य के स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए एक पत्र लिखा है. IMA द्वारा बुलाई गई बैठक में धरने की बात का निर्णय लिए जाने के बाद IMA झारखंड ने भी जल्द से जल्द इस्तीफे की मांग की है.

30 दिसंबर के दिन, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के नए डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे थे, इसी कार्यक्रम में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी उपस्थित थे. इसी दौरान झारखंड के हेल्थ सेक्रेटरी नितिन मदन कुलकर्णी ने ऐसा बयान दिया कि झारखंड के डॉक्टर्स एक सुर में हेल्थ सेक्रेटरी नितिन मदन के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

IMA के सचिव डॉ. प्रदीप सिंह ने आजतक से कहा है, ''इस महामारी के ऐसे भीषण दौर में भी इतनी मेहनत करने के बाद डॉक्टरों को निरुत्साहित किया जा रहा है तो इस बात से डॉक्टरों की भावनाएं बहत आहत हुई हैं. कोरोना मरीजों की देखभाल करते-करते 20 डॉक्टरों ने अपनी जान गवा दी, बावजूद इसके उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है, जो बेहद आपत्तिजनक है. जबकि मुख्यमंत्री ने भी डॉक्टरों की सराहना करते हुए कहा है कि राज्य में कोरोना वायरस को रोके रखने की लड़ाई में डॉक्टरों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है. झारखंड ने कोरोना के हर पैरामीटर पर बेहतरीन काम किया है. अब डॉक्टरों के लिए ऐसे माहौल में काम करना मुश्किल हो रहा है अगर हेल्थ सेक्रेटरी को जल्द से जल्द उनके बयान के लिए दंडित नहीं किया गया तो इसके विरोध में धरना-प्रदर्शन करेंगे''

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