
झारखंड के दुमका के एक आवासीय विद्यालय के हेडमास्टर और रात्रि प्रहरी (वॉचमैन) ने छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की. दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. छात्राओं का आरोप है कि हेडमास्टर मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाकर छेड़छाड़ करता था. इस मामले को लेकर छात्राओं ने दुमका के उपायुक्त को पत्र लिखकर हेडमास्टर और वॉचमैन समेत दो अन्य शिक्षकों की शिकायत की थी. शिकायत में कहा गया था कि आरोपी स्कूल परिसर में शराब भी पीते हैं.
मामले की शिकायत मिलने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया. उपायुक्त A Dode ने ट्रेनी आईएएस को इस मामले की जांच के निर्देश दिए. जांच में छात्राओं की शिकायत सही पाई गई. जांच रिपोर्ट मिलते ही डीसी ने विद्यालय का संचालन करने वाले जिला कल्याण पदाधिकारी संजय कश्यप को अविलंब हेडमास्टर समेत तीन अन्य पर एफआईआर के निर्देश दिए.
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इसके बाद जिला कल्याण पदाधिकारी ने नगर थाने को शिकायत पत्र देकर हेडमास्टर शैलेजानंद झा, रात्रि प्रहरी शिवपूजन, शिक्षक पंकज और निहाल के खिलाफ नामजद FIR कराई. पुलिस ने प्रधानाचार्य शैलेजानंद झा और रात्रि प्रहरी शिव पूजन को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया.
दुमका डीसी से छात्राओं ने की थी मामले की शिकायत
दरअसल, अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय की छात्राओं ने दुमका डीसी को पत्र लिखकर शिकायत की थी कि प्रभारी प्रधानाचार्य और रात्रि प्रहरी उनके साथ छेड़छाड़ करते हैं. वे दोनों मोबाइल पर अश्लील वीडियो दिखाते हैं. उनकी इन हरकतों से छात्राएं काफी परेशान थीं और डिप्रेशन की शिकार हो रही थीं.
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छात्राओं ने ये भी आरोप लगाया कि इन दोनों के अलावा दो और शिक्षक अक्सर स्कूल में ही शराब पीते हैं. एसपी पीतांबर लकड़ा ने बताया कि छात्राओं की शिकायत के बाद दुमका डीसी ने अपने स्तर से जांच कराई और छात्राओं के आरोप सही निकले. इसके बाद आरोपियों पर कार्रवाई की गई.
पॉक्सो कोर्ट ने आरोपियों की रिमांड से किया इनकार
एफआईआर में किसी पीड़ित का नाम नहीं होने पर दुमका के पॉक्सो कोर्ट के जज ने गिरफ्तार हेडमास्टर और रात्रि प्रहरी को रिमांड से मना कर दिया. चूंकि मामले में पॉक्सो एक्ट लगा है, पीड़ित की आयु प्रमाणित होना जरूरी है. जब इस बात की खबर डीसी को लगी तो उन्होंने कल्याण पदाधिकारी को महिला पुलिस के साथ पीड़ित के 161 के तहत बयान लेने भेजा.
कोर्ट में दर्ज किए गए छात्राओं के बयान
इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए 164 के बयान के लिए पीड़ित छात्राओं को दुमका कोर्ट लाया गया, जहां उनके बयान बंद कमरे में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने दर्ज किए. इस प्रक्रिया में देर शाम हो गई. बयान होते ही आरोपी हेडमास्टर और रात्रि प्रहरी की रिमांड के लिए जज के सामने पेश किया गया. पॉक्सो कोर्ट ने देर शाम मामले की सुनवाई करते हुए दोनों को ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया.
(मृत्युंजय पांडे के इनपुट के साथ)