
प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक बार फिर समन भेजा है. बकौल ईडी सीएम सोरेन को इससे पहले सात बार समन भेजा गया है लेकिन वह तय समय पर पेश नहीं हुए. सीएम से चिट्ठी का जवाब देने को कहा गया है और एजेंसी के सामने 16-20 जनवरी के बीच पेश होने को कहा है. चिट्ठी में साफ कहा गया है कि इस बार या तो सीएम खुद पेश हों और या नहीं तो ईडी के अधिकारी उनसे पूछताछ के लिए पहुंचेंगे.
ईडी की ताजा चिट्ठी को हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी का आठवां समन माना जा रहा है. केंद्रीय एजेंसी ने अपनी पिछली चिट्ठी में कहा था कि जमीन घोटाला केस में सीएम का बयान दर्ज करना जरूरी है और सीएम चाहें तो इसके लिए जगह और समय खुद ही तय कर सकते हैं.
ईडी क्यों भेज रही हेमंत सोरेन को समन?
ईडी ने रांची के बड़गाई इलाके में फर्जी दस्तावेजों से आदिवासियों की जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े जमीन घोटाला मामले में पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था. ईडी ने इस मामले पर सीएम सोरेन को अब तक सात समन जारी किए हैं - 14 अगस्त, 24 अगस्त, 9 सितंबर, 23 सितंबर, 4 अक्टूबर और 12 दिसंबर को.
बार-बार समन के बाद भी पेश नहीं हुए सीएम
बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने सभी समन का जवाब दिया है लेकिन बयान दर्ज कराने के लिए वह पेश नहीं हुए हैं. वह ईडी समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट भी पहुंचे लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली. झारखंड मुक्ति मोर्चा सुप्रीमो हेमंत सोरेन पहले ही समन के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे और एजेंसी के समन "अवैध" करार दिया था.
सुप्रीम कोर्ट-हाई कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट ने सीएम सोरेन को हाई कोर्ट जाने को कहा था लेकिन तब तक एजेंसी ने उन्हें दूसरा समन भेज 9 सितंबर को तलब कर लिया. बाद में मुख्यमंत्री ने 13 अक्टूबर को हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की लेकिन हाई कोर्ट से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली.