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संकट में फंसे हेमंत सोरेन... जानिए EC की सिफारिश के बाद जाएगी सीएम की कुर्सी या और कोई विकल्प है

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर संकट के बादल छाए हुए हैं. लाभ के पद मामले में चुनाव आयोग की रिपोर्ट पर राज्यपाल अगर कदम उठाते हैं और सोरेन की सदस्यता जाती है तो फिर उनके सामने क्या-क्या राजनीतिक विकल्प बचेंगे?

झारखंड सीएम हेमंत सोरेन पर संकट के बादल झारखंड सीएम हेमंत सोरेन पर संकट के बादल
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली ,
  • 25 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 3:01 PM IST

झारखंड में हेमंत सोरेन की अगुवाई वाली जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन सरकार पर संकट गहरा गया है. लाभ के पद के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता खतरे में पड़ गई है. चुनाव आयोग ने अपनी राय गुरुवार को राजभवन भेज दी, जिस पर अब राज्यपाल रमेश बैस तीन बजे आखिरी फैसला लेंगे. गवर्नर अगर हेमंत सोरेन के सदस्यता रद्द करते सकें हैं तो उनके सामने क्या-क्या राजनीतिक विकल्प होंगे? 

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हेमंत सोरेन के सामने पहला विकल्प
राज्यपाल रमेश बैस अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा की सदस्यता रद्द करते हैं तो उनके लिए जरूर बड़ा झटका होगा. साथ ही मुख्यमंत्री की कुर्सी भी छोड़नी पड़ सकती है. हालांकि, कांग्रेस और जेएमएम से एक बार विधायक के नेता चुने जाने के बाद दोबारा से सीएम पद की शपथ ले सकते हैं. ऐसे में उसके लिए उन्हें छह महीने के भीतर दोबारा से चुनाव जीतकर विधायक बनना होगा. ऐसे में अगर वो चुनाव नहीं जीतते हैं तो सीएम का पद उन्हें छोड़ना होगा. 

सोरेन के सामने दूसरा विकल्प
हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद छोड़ते हैं तो परिवार से इतर किसी और पर यकीन करना उनके लिए मुश्किल होगा. ऐसे में अपने परिवार के किसी सदस्य को सत्ता की सिंहसान पर बैठाने का दांव चल सकते हैं. इसकी वजह यह है कि हेमंत सोरेन कभी नहीं चाहेंगे कि सत्ता उनके परिवार से बाहर किसी के हाथ में जाए. हेमंत सोरेन के साथ-साथ उनके भाई बसंत सोरेन की सदस्यता भी खतरा मंडरा रहा है. उनके पिता शीबू सोरेन पर पहले ही जांच चल रही है और काफी उम्र हो चुकी है. इसके अलावा उनकी मां रूपी सोरेन बीमार चल रही हैं. ऐसे में हेमंत सोरेन के सामने परिवार से आखिरी विकल्प उनकी पत्नी कल्पना सोरेन बचती हैं. परिवार से किसी सदस्य को सत्ता की कमान देनी है तो कल्पना को मुख्यमंत्री बनाने का दांव चल सकते हैं. 

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सोरेन के सामने तीसरा विकल्प 
सोरेन परिवार में लगभग सभी सदस्यों पर गंभीर आरोप हैं. हेमंत सोरेन अगर अपनी पत्नी को सीएम बनाते हैं तो परिवार में भी विरोध हो सकता है. उनके भाई की पत्नी विधायक सीता सोरेन भी विरोध कर सकती है और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी नाराज हो सकते हैं. ऐसे में हेमंत सोरेन अपने किसी वफादार को मुख्यमंत्री बनाने का दांव चल सकते हैं. इस तरह वो पर्दे के पीछे सरकार चलाने का फॉर्मूला निकाल सकते हैं. हालांकि, ऐसे मुख्यमंत्री पर रबर स्टांप का आरोप भी लग सकता है. 

बीजेपी ने कहा विधायकी ही नहीं सजा भी होगी
झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री रहते खनन पट्‌टा खरीदना रिप्रेंजेटेशन ऑफ पीपुल एक्ट से जुड़ा है. भ्रष्टाचार का मामला होने के चलते चुनाव आयोग हेमंत सोरेन की सदस्यता ही नहीं खत्म करेगा बल्कि उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है. हेमंत सोरेन सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी आंदोलन करेंगे और उन्हें सीएम पद छोड़ना ही पड़ेगा. वहीं, हेमंत सोरेन ने कहा कि न तो उनके मुख्यमंत्री पद और न ही उनकी सरकार के लिए किसी तरह का कोई खतरा है. 
 

 

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