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पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने पूर्व साथी की गोली मारकर की हत्या, परिवार ने मांगी आर्थिक मदद 

हत्या के बाद माओवादियों ने नेलशन भेंगरा के शव के पास पर्चा भी छोड़ा है. इस पर लिखा है कि भेंगरा पुलिस के लिए एसपीओ के तौर पर काम करने लगा था. इसी वजह से उसकी हत्या की गई है. मंगलवार की रात में हुए इस नक्सली हत्याकांड से इलाके में सनसनी फैल गई है. मृतक के परिजन सरकारी मदद की मांग कर रहे हैं.

मारे गए पूर्व नक्सली के परिजन. मारे गए पूर्व नक्सली के परिजन.
सत्यजीत कुमार
  • पूर्व सिंहभूम ,
  • 10 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:43 PM IST

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने पूर्व नक्सली नेलशन भेंगरा की गोली मारकर हत्या कर दी है. घटना सारंडा जंगल के समठा गांव की है. वारदात को मंगलवार रात 10 बजे जराइकेला थाना क्षेत्र के समठा गांव में नक्सलियों ने अंजाम दिया. हत्या के बाद माओवादियों ने नेलशन भेंगरा के शव के पास पर्चा भी छोड़ा है. 

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इस पर्चे पर माओवादियों ने नेलशन भेंगरा पर पुलिस के लिए एसपीओ के तौर पर काम करने का आरोप लगाया है और इसी आरोप में उसकी हत्या की गई है. रात में हुए इस नक्सली हत्याकांड से इलाके में सनसनी फैल गई है. जानकारी के मुताबिक, 9 जनवरी मंगलवार रात दस बजे समठा गांव में नेलशन भेंगरा को अचानक नकाबपोश हथियारबंद नक्सलियों ने घेर लिया.

इसके बाद भेंगरा को घसीटते हुए नक्सली पास के खेत की तरफ ले गए. वहां नक्सलियों ने भेंगरा की जमकर पिटाई की और फिर बंदूक सटाकर तीन गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. यही नहीं, नक्सलियों ने नेलशन भेंगरा के मोबाइल समेत अन्य सामानों को भी पास में आग लगाकर जला दिया. 

बताते चलें कि भेंगरा काफी वक्त तक नक्सली संगठन में सक्रिय था. मगर, इसके बाद उसने नक्सली संगठन छोड़ दिया. पिछले साल 2023 के 17 मई को भेंगरा को ओडिशा के राउरकेला पुलिस ने सरकारी विकास योजना के कार्य में लेवी मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था.

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दो महीने पहले ही जेल से छूटा था 

दो महीने पहले ही वह जेल से छूट कर वापस अपने गांव जराइकेला के समठा गांव में लौटा था. घर वाले बताते हैं नेलशन ने जेल छूटने के बाद नक्सली संगठन में काम करना छोड़ दिया और पुलिस के लिए काम करना शुरू किया था. वह समाज की मुख्य धारा में शामिल होकर आम आदमी की जिंदगी जीना चाहता था. 

उसने इस बीच पास की एक पुलिया निर्माण कार्य में नाइट गार्ड के रूप में काम करना भी शुरू कर दिया था. इसी दौरान मंगलवार को जब वह ड्यूटी पर जा रहा था, तभी घात लगाए माओवादियों ने पुलिस की मुखबिरी के आरोप में अपने पुराने साथी भेंगरा की गोली मारकर हत्या कर दी. हालांकि, पुलिया निर्माण में लगे मुंशी मदन ने बताया है की पिछले 20 दिन से वह गार्ड की ड्यूटी पर नहीं आ रहा था.

घर वालों ने मांगी सरकारी मदद 

बताया जाता है की जैसे ही भेंगरा ने नक्सली संगठन छोड़ा, उसके लिए आम आदमी की जिंदगी जीना मुश्किल हो गया. घर वालों के मुताबिक, पुलिस मुखबिरी के कारण उसकी हत्या की गई है. अब घर वाले सरकारी मदद की मांग कर रहे हैं. भेंगरा की हत्या के बाद अब उसके घर में दो बेटे, एक बेटी और उसकी विधवा पत्नी बची है.

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भेंगरा ही घर का खर्च चलाता था. अब उसके नहीं रहने से उसके परिवार के सामने भरण-पोषण की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. घर वालों की मांग है की उन्हें सरकार एक सरकारी नौकरी और मुआवजा दे. 12 साल बाद नक्सलियों ने सारंडा के इस इलाके में हत्या से सनसनी फैला दी है. लोगों का कहना है कि नक्सलियों ने फिर से इलाके में अपनी उपस्थिति दर्ज कर दी है, जिससे खौफ का माहौल फैल गया है. 

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