
हाल में साइबर क्राइम के गढ़ के रूप में विख्यात झारखंड के जामताड़ा में बड़े गिरोह को भंडाफोड़ हुआ था. यहां कई लोगों के साथ बड़ी ठगी के मामले में 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी. ऐसे में अब जांच में मालूम हुआ है कि ये लोग इंटरनेट पर आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की मदद से साइबर फ्रॉड को अंजाम देने का काम कर रहे थे.
सॉफ्टवेयर डेवलप करने में एक्सपर्ट है ठग
उन्होंने कहा, गिरफ्तार 'साइबर अपराधी' सॉफ्टवेयर डेवलप करने में एक्सपर्ट हैं और मैलवेयर डेवलप करने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हैं. जिन आरोपियों को 26 जनवरी को जेल भेजा गया था, वे फर्जी नाम 'डीके बॉस' के तहत काम करते थे.
आरोपियों के पास मिला 2,700 लोगों का डेटा
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उनके कब्जे से बरामद वस्तुओं में कई मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, एक ड्रोन और उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरे शामिल थे. उन्होंने कहा,'आरोपी द्वारा बनाई गई वेबसाइट पर लगभग 2,700 लोगों का डेटा मिला. इसकी जांच जारी है.'
एपेके फाइल भेज फोन हैक
ये गिरोह लोगों को मैसेज के जरिए एपेके फाइल भेजता था, उसके बाद उस पर क्लिक करने के लिए कहता था. जैसे ही उसएपीके फाइल पर क्लिक होता था, इनके पास अपने शिकार का सारा डेटा आ जाता था. इसके जरिए वे साइबर ठगी को अंजाम देते थे. इन लोगों के पास नेशनलाइज्ड बैंक के साथ-साथ पीएम किसान योजना फसल बीमा योजना के लाभुकों के डिटेल्स भी मिले थे. पुलिस के अनुसार पकड़े गए साइबर अपराधियों ने देश भर में करीब 415 साइबर अपराध को अंजाम दिया है. इसमें उन्होंने 10 करोड़ की राशि की ठगी की है