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'भाजपा अनैतिक प्रयास कर रही, अनिश्चितता दूर करें', हेमंत सोरेन की राज्यपाल से अपील

झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सीएम कुर्सी पर संकट के बादल बने हुए हैं. इसी वजह से गुरुवार को उन्होंने एक बार फिर राज्यपाल से मुलाकात की है और कहा है कि अनिश्चितता दूर की जाए. तर्क दिया गया है कि बीजेपी इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है, ऐसे में जो भी फैसला होना है, वो जल्द लिया जाए.

सीएम हेमंत सोरेन सीएम हेमंत सोरेन
पॉलोमी साहा
  • नई दिल्ली,
  • 15 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के ऊपर से संकट तो टल गया है, लेकिन सीएम कुर्सी को लेकर अनिश्चितता का दौर जारी है, इस समय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राज्यपाल के फैसले का इंतजार है, चुनाव आयोग ने तो अपना आदेश बता दिया है, लेकिन राजभवन से कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया. इसी वजह से एक बार फिर हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मुलाकात की है. मुलाकात कर उनकी तरफ से राज्यपाल को एक चिट्ठी भी दी गई है.

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राज्यपाल के फैसले में देरी क्यों?

इस बारे में हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा है कि आज राजभवन में माननीय राजपाल श्री रमेश बैस जी से मुलाकात कर राज्य में विगत तीन सप्ताह से अधिक समय से उत्पन्न अनापेक्षित और दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों की अनिश्चितता को दूर करने हेतु पत्र सौंपा जिससे इस भ्रम की स्थिति में भाजपा द्वारा किये जा रहे अनैतिक प्रयास से उसे रोका जा सके. अब जानकारी के लिए बता दें कि लंबे समय से राज्यपाल की तरफ से स्थिति को स्पष्ट नहीं किया गया है. इससे पहले भी राज्यपाल ने कहा था कि कानूनी जानकार से बात कर कोई आदेश दिया जाएगा. लेकिन अभी तक अनिश्चितता का दौर बना हुआ है.

पूरा विवाद क्या है?

अब इस पूरे विवाद के बीच झारखंड सरकार का आरोप है कि बीजेपी विधायकों को तोड़ने का प्रयास कर रही है. इसी वजह से कुछ दिनों के लिए विधायकों को रायपुर तक ले जाया गया था. अभी के लिए विश्वास मत तो साबित कर दिया गया है, लेकिन फूट का खतरा बना हुआ है. इसी वजह से हेमंत सोरेन चाहते हैं कि उनको लेकर जो भी फैसला है, वो जल्द ले लिया जाए जिससे वे आगे की रणनीति पर काम कर सकें. जानकारी के लिए बता दें कि बीजेपी ने राज्यपाल के पास एक शिकायत भेजी थी. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को एक खनन पट्टा जारी करके चुनावी कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था. बीजेपी ने मांग की थी कि हेमंत सोरेन की लाभ के पद के मामले में विधानसभा की सदस्यता रद्द होनी चाहिए. अब चुनाव आयोग ने अपनी जांच में हेमंत सोरेन को दोषी भी माना लेकिन अभी तक राज्यपाल की तरफ से कोई फैसला नहीं दिया गया.

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