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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को आज पेश होने का आदेश, PMLA कोर्ट ने लिया एक्शन

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ईडी के समन का उल्लंघन करने के मामले में PMLA कोर्ट ने हेमंत सोरेन को 4 दिसंबर (बुधवार) को पेश होने का निर्देश दिया है. दरअसल, सोरेन को रांची के बरगई सर्कल में 8.86 एकड़ भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 10 समन भेजे गए थे.

हेमेंत सोरेन (फाइल फोटो) हेमेंत सोरेन (फाइल फोटो)
सत्यजीत कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:03 AM IST

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ईडी के समन का उल्लंघन करने के मामले में PMLA कोर्ट ने हेमंत सोरेन को 4 दिसंबर (बुधवार) को पेश होने का निर्देश दिया है. दरअसल, सोरेन को रांची के बरगई सर्कल में 8.86 एकड़ भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 10 समन भेजे गए थे. ईडी ने फरवरी 2024 में हेमंत सोरेन द्वारा एजेंसियों के समन की अवज्ञा करने पर सीजेएम कोर्ट में मामला दर्ज किया था. कोर्ट ने 4 मार्च को धारा 174 के तहत संज्ञान लिया. बाद में 5 जून को मामला पीएमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की हेमंत सोरेन की याचिका 26 नवंबर 2024 को ही खारिज हो चुकी है.

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सोरेन ने समन को किया नजरअंदाज

ईडी ने शुरू में सीजेएम के यहां शिकायत दर्ज कराई थी कि हेमंत सोरेन ने एजेंसी के समन को नजरअंदाज किया और टाल दिया. भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए सोरेन को कम से कम 10 समन जारी किए गए थे. लेकिन 8 मौकों पर उन्होंने समन का जवाब नहीं दिया, जिससे समन की अवज्ञा हुई. समन के उल्लंघन के लिए पीएमएलए अधिनियम की धारा 63 और आईपीसी की धारा 174 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी. समन 14 अगस्त 2023 से 31 जनवरी 2024 के बीच दिए गए.

यह भी पढ़ें: झारखंड में 5 दिसंबर को होगा CM हेमंत सोरेन की कैबिनेट का विस्तार, 11 मंत्री लेंगे शपथ

जेएमएम ने क्या कहा

सोरेन दो मौकों पर 20 जनवरी और 31 जनवरी को पेश हुए थे. बाद में उन्हें 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया. झामुमो नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हर समन पर जब सोरेन ईडी के सामने पेश नहीं होते थे तो एजेंसी को उचित कारण भेजा जाता था. एजेंसी हमेशा अपनी मनमर्जी से काम करती है. जब मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी में व्यस्त थे तो उन्हें 14 अगस्त को उपस्थित होने के लिए कहा गया था. क्या यह उचित था?

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