
झारखंड में एक तरफ हेमंत सरकार पर लगातरा राजनीतिक संकट चल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ वहां की कैबिनेट द्वारा बड़े और निर्णायक फैसले लिए जा रहे हैं. अब राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ऐलान कर दिया है कि झारखंड के निजी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड मेडिकल कॉलेज में 50% सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के अनुरूप फीस निर्धारण की जाएगी. दावा किया गया है कि ऐसा होने से डॉक्टरों की कमी दूर होगी और बेहतर सुविधा भी दी जाएंगी.
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अब झारखंड के निजी मेडिकल कॉलेजों एवं डीम्ड मेडिकल कॉलेज में 50% सीटों पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के अनुरूप फीस निर्धारण की जाएगी. उन्होंने बताया कि इससे झारखंड के मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों के अभाव की कमी दूर होगी और अन्य छात्रों के अलावा युक्रेन से वापस आए छात्रों को भी लाभ मिलेगा. इस संदर्भ में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिख कर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अनुशंसा के आधार पर राज्य में भी ये व्यवस्था लागु करने का निर्देश दिया है.
वैसे इस फैसले के अलावा सोरेन सरकार ने स्थानीयता और निवासी की परिभाषा व पहचान के लिए 1932 के खतियान को आधार बनाने का फैसला है तो दूसरी तरफ ओबीसी के आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया है. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में आरक्षण और डोमिसाइल पॉलिसी सहित 43 प्रस्तावों को मंजरी दी है. कैबिनेट सेक्रेटरी वंदना दादेल ने बताया कि झारखंड की स्थानीयता और निवासी की परिभाषा और पहचान के लिए 1932 के खतियान को आधार बनाया जाएगा. साथ ही सामाजिक सांस्कृतिक एवं अन्य लाभों को स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक 2022 के गठन के संबंध में जो मुख्य प्रावधान हैं, उनमें वैसे व्यक्ति जिनके पूर्वज का नाम 1932 तथा पूर्व के सर्वे खतियान में दर्ज है, उसके आधार पर स्थानीयता की परिभाषा रखी गई है.