
JMM सुप्रीमो शिबू सोरेन की बड़ी बहू और हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन के खिलाफ उनके पूर्व निजी सचिव देवाशीष घोष के परिजनों ने केस दर्ज कराया है. यह शिकायत मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी रांची की कोर्ट में दर्ज हुई है. बीते 7 मार्च को सीता सोरेन के पूर्व निजी सचिव देवाशीष घोष को धनबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था. देवाशीष के खिलाफ सीता सोरेन पर गन तानने और हमले की कोशिश के आरोप लगे थे. हालांकि इस मामले में अब नया मोड़ आ आ गया है.
दरअसल, निजी सचिव देवाशीष घोष की बहन रांची के हटिया में रहने वाली रीना घोष ने सीता सोरेन समेत 4 अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. इसमें कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. रीना घोष के मामले में अधिवक्ता रमेश चंद्रा और दीपक कुमार ने बहस की और पक्ष रखा. अब अदालत ने 28 अप्रैल को रीना घोष के बयान दर्ज करने का समय तय किया है.
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सीता सोरेन के खिलाफ शिकायत में रीना घोष ने कहा है कि उनके बड़े भाई देवाशीष घोष को साजिश रचकर गिरफ्तार करवाया गया है. देवाशीष को फर्जी हथियार के जरिए गिरफ्तार कराया गया. उन पर हमले का आरोप लगा दिया गया.
सीता सोरेन इस बात से नाराज थीं कि जामताड़ा से जब उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा तो उसमें सबकुछ मैनेज कर रहे उनके निजी सचिव देवाशीष ने पानी की तरह पैसे बहा दिए. सीता सोरेन चुनाव हार गईं तो देवाशीष से पैसे वापस मांगने लगीं और दबाव बनाने लगीं. इसी दौरान सीता सोरेन के सहयोगी व बॉडी गार्ड्स 7 मार्च को धनबाद में सरायढेला स्थित होटल में देवाशीष को जबरन उठाकर ले गए.
इसके बाद देवाशीष की गाड़ी की चाबी, एटीएम, देवाशीष की गाड़ी में रखे चेकबुक, जमीन के दस्तावेज छीन लिए. दबाव बनाकर तीन लाख रुपये भी ट्रांसफर करवा लिए. गाड़ी ट्रांसफर करने के लिए फॉर्म 29 और फॉर्म 30 पर भी हस्ताक्षर करवा लिए. लिहाजा रीना घोष ने Axis bank को फंड ट्रांसफर नहीं करने, डीटीओ ऑफिस को गाड़ी की Ownership ट्रांसफर नहीं करने और रजिस्ट्रार को जमीन ट्रांसफर करने पर रोक लगवा दी है.
देवाशीष घोष को पूर्व विधायक सीता सोरेन पर हमले की कोशिश के लिए धनबाद पुलिस ने 7 मार्च को गिरफ्तार किया था. सीता सोरेन ने जामताड़ा से विधानसभा का चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा था, जिसमें वे हार गईं थीं. उससे पहले लोकसभा का चुनाव भी उन्होंने दुमका से लड़ा था, उन्हें हार मिली थी. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने JMM छोड़ दिया था.