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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने सभी नेताओं को लिखा पत्र, स्थानीय लोगों को हक दिलाने के लिए साथ आने का किया आग्रह

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं और निर्दलीय विधायकों को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री ने पत्र के जरिए आग्रह किया है कि 2 जरूरी विधेयकों पर सभी दल साथ आएं और कानून बनाने में सहयोग करें. मुख्यमंत्री सोरेन चाहते हैं कि स्थानीय लोगों को उनका हक और वंचितों को आरक्षण मिले.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल फोटो) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 19 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:02 PM IST

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के सभी दलों के वरिष्ठ नेताओं और निर्दलीय विधायकों को पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए उन्होंने राज्य के लोगों को उनका हक और अधिकार दिलाने के लिए राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने का निवेदन किया है.

सीएम हेमंत सोरेन ने पत्र में लिखा है कि झारखंड में कई पदों और सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक- 2022 और झारखंड में स्थानीयता को परिभाषा और परिणामी सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक, 2022 को केंद्र सरकार को भेजने का अनुरोध करने के लिए राज्यपाल से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल हों. ताकि उपरोक्त विधेयक को शीघ्र कानून का रूप मिल सके.

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दोनों विधेयक को संवैधानिक कवच प्रदान करना प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने पत्र के जरिए आग्रह किया है कि 11 नवंबर 2022 को झारखंड विधानसभा में मानसून सत्र का विस्तारित सत्र बुलाकर दो महत्वपूर्ण विधेयक सर्वसम्मति से पारित कराया गया. झारखंड बनने के बाद जब भी स्थानीय नीति बनाने की कोशिश कार्यपालिका द्वारा की गई, उसे सफलता नहीं मिली और हाई कोर्ट के द्वारा उन नीतियों को खारिज किया जाता रहा है. अभी कुछ दिन पहले ही एक बार फिर हाई कोर्ट द्वारा साल 2021 में गठित नियोजन नीति को रद्द किया गया है. उपरोक्त परिस्थिति में दोनों विधेयक को संवैधानिक रूप देने के लिए इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने का भी फैसला विधानसभा के द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया है.

'राज्यपाल से मिला समय, अन्य दल भी हों शामिल'

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बता दें कि फिलहाल दोनों विधेयक राज्यपाल के कार्यालय को स्वीकृति के लिए भेजे गए हैं. व्यापक जनहित एवं राज्यहित में मुख्यमंत्री ने इच्छा प्रकट की है कि एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर उक्त दोनों विधेयकों की जल्दी कार्रवाई के लिए भारत सरकार को भेजने का अनुरोध करें, ताकि इसे शीघ्र कानून का रूप मिल सके. इसी क्रम में राज्यपाल द्वारा 20 दिसंबर को दोपहर तीन बजे मिलने का समय दिया गया है. मुख्यमंत्री ने मुद्दे की व्यापकता और महत्व को देखते हुए राज्य के सभी दलों के नेताओं और निर्दलीय विधायकों को प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के लिए अनुरोध किया है.

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