
झारखंड के चक्रधरपुर थाने के भारत भवन के पास गिरिराज सेना के प्रमुख कमलदेव गिरी की अज्ञात अपराधियों ने बम मारकर हत्या कर दी. घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी मौके से फरार हो गए. स्थानीय लोगों ने कमलदेव को तत्काल रेलवे अस्पताल पहुंचाया जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
बताया जाता है कि कमलदेव गिरी शनिवार शाम 6.30 बजे अपनी बाइक से भारत भवन गए हुए थे. तभी घात लगाए अपराधियों ने उन पर पीछे से बम से हमला किया. एक बम उनके सिरहाने के पीछे लगा जिससे वे घटना स्थल पर ही गिर पड़े. घटना के बाद इलाके में भगदड़ मच गई. आनन-फानन में कमलदेव गिरी को इलाज के लिए चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल लाया गया.
कमलदेव गिरी की मौत से गुस्से में हिंदू संगठन
घटना के बाद हिंदू संगठन में आक्रोश है. हजारों की संख्या में लोग रेलवे अस्पताल के बाहर जमा हो गए थे. इधर, सूचना पाकर जिले के एसपी डीसी ने रात में ही चक्रधरपुर में कैम्प कर दिया था. वहीं घटना की संवेदनशीलता को भांपते हुए डीएसपी कपिल चौधरी और थाना प्रभारी लक्ष्मण प्रसाद रेलवे अस्पताल पहुंचे और जांच में जुट गए.
बता दें कि कमलदेव एक हिंदूवादी नेता थे. वह बजरंग दल के सदस्य भी थे और खुद गिरिराज सेना नाम से एक संगठन का संचालन करते थे. पिछले नगर परिषद चुनाव के अध्यक्ष पद में वे अप्रत्याशित वोट लाकर तीसरे स्थान पर थे. कम उम्र में तेजी से उन्होंने जनता के दिल में जगह बना ली थी. कमलदेव इस बार के नगर परिषद में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे.
इलाके में लोगों ने किया प्रदर्शन
इस घटना के बाद लोगों ने कमलदेव गिरी के शव को चक्रधरपुर के पवन चौक में रखकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी भी की. बड़ी संख्या में चौक में लोगों की भीड़ रही. लोग पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. जानकारी के मुताबिक रेल राज्य मंत्री चक्रधरपुर में अपने दौरे के क्रम में कमलदेव गिरी को भाजपा में शामिल करने वाले थे. लेकिन इसी बीच उनकी हत्या कर दी गई. कमलदेव गिरी के सामाजिक कार्यों के कारण वे तेजी से जननायक नेता के रूप में उभर रहे थे, उनकी इस तरह से की गई हत्या से चक्रधरपुर में गुस्से का उबाल है.
तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया पोस्टमार्टम
गिरिराज सेना प्रमुख कमलदेव गिरि का मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया. पश्चिमी सिंहभूम जिला के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सकों की एक टीम का गठन किया था. जिसमें चाईबासा सदर अस्पताल के डॉ एन माझी, चक्रधरपुर अनुमंडल के चिकित्सा प्रभारी डॉ. अंशुमन शर्मा और डॉ नंदू होनहागा शामिल थे.