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झारखंड विधानसभा में धीरज साहू के कैश सीजर मामले को लेकर हंगामा, बचाव में आई सरकार

कांग्रेस सांसद धीरज साहू के कैश सीजर मामले को लेकर बीजेपी ने झारखंड विधानसभा में जोरदार हंगामा किया है. बीजेपी के विधायकों के हंगामे को देख सांसदों की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम कांग्रेस नेता का बचाव करते हुए कहा कि ये मामला विधानसभा का नहीं है, बीजेपी अपनी राजनीति के लिए इस्तेमाल कर रही है.

झारखंड विधानसभा में धीरज साहू के कैश सीजर के मामले को लेकर हंगामा. झारखंड विधानसभा में धीरज साहू के कैश सीजर के मामले को लेकर हंगामा.
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 18 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 5:17 PM IST

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष यानी बीजेपी ने कांग्रेस सांसद धीरज साहू के कैश सीजर मामले को लेकर सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा मचाया. भाजपा विधायक मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार कांग्रेस सांसद पर कार्रवाई करे.

बीजेपी विधायकों का कहना है कि धीरज साहू ने ये संपत्ति झारखंड के संसाधनों का दोहन और गरीबों का हक मार कर एकत्रित की है. बीजेपी विधायक विधानसभा हाउस में अपने-अपने गले में प्लेकार्ड पहनकर आए थे, जिस पर लिखा था कि कांग्रेस का काला साम्राज्य.

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आलमगीर आलम के बचाव में आई सरकार

विपक्षी सांसदों की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने धीरज साहू का बचाव करते हुए कहा कि ये मामला विधानसभा का नहीं है, बीजेपी अपनी राजनीति चमकाने के लिए विधानसभा को बतौर प्लेटफॉर्म यूज कर रही है, जो कि ठीक नहीं है. न तो आईटी ने अभी तक कोई बयान दिया है. वैसे भी पैसे सिर्फ धीरज साहू के नहीं हैं, बल्कि उनके व्यवसाई परिवार के हैं.

हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित

वहीं, विपक्ष के हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को पहले साढ़े बारह बजे तक स्थगित कर दिया गया था, लेकिन ब्रेक के बाद भी जारी विपक्ष के हंगामे के बीचे बिजनेस के कामों को खत्म कर सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया.

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350 करोड़ करोड़ से ज्यादा कैश बरामद

आपको बता दें कि कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और कारोबारी धीरज साहू के ठिकानों से आईटी ने 350 करोड़ से ज्यादा कैश बरामद किया था. इस पर उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि छापेमारी में जो कैश बरामद किया गया है, वो मेरी शराब की कंपनियों का है. शराब का कारोबार नकदी में ही होता है और इसका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है.

क्या है मामला?

आयकर विभाग ने धीरज साहू के ठिकानों पर ये छापेमारी 6 दिसंबर को शुरू की थी. आईटी ने ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 40 से ज्यादा ठिकानों पर छापा मारा था. ये छापेमारी बौद्ध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों पर हुई थी. बलदेव साहू इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड इसकी ग्रुप कंपनी है. ये कंपनी कथित तौर पर कांग्रेस सांसद धीरज साहू और उनके परिवार से जुड़ी है.

छापेमारी के दौरान आयकर विभाग की टीम को इतना ज्यादा कैश मिला कि इन्हें गिनने के लिए और टीमों को बुलाना पड़ गया. नोट गिनने के लिए 40 मशीनें बुलाई गई थीं. 25 मशीनों का इस्तेमाल हुआ, जबकि 15 को बैकअप के लिए रखा गया था.

इस छापेमारी में सिर्फ नकदी ही बरामद नहीं हुई बल्कि तीन किलो सोना भी जब्त किया गया था. बरामद की गई इस नकदी को ले जाने के लिए 200 बैग और ट्रंक लाए गए थे. इनमें नकदी को रखकर ओडिशा के अलग-अलग बैंकों में जमा कराया जाएगा.

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बता दें कि ये इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी है. इससे पहले 2019 में जीएसटी इंटेलिजेंस की छापेमारी में कानपुर के एक कारोबारी के घर से 257 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए थे. वहीं, साल 2018 में तमिलनाडु में एक रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी में आयकर विभाग ने 163 करोड़ रुपये जब्त किए थे.

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