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'मैंने और मेरे बच्चों ने मुंह खोला तो भयावह सच्चाई उजागर होगी', BJP में शामिल होने के बाद सोरेन परिवार पर बरसीं सीता

बीजेपी में शामिल होते ही झारखंड मुक्ति मोर्चा की विधायक और सोरेन परिवार की सदस्य सीता सोरेन ने अपने परिवार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि अगर मैं और मेरे बच्चों ने मुंह खोलकर भयावह सच्चाई उजागर कर दी तो कितनों का राजनैतिक और सत्ता सुख का सपना चूर चूर हो जाएगा.

सीता सोरेन मंगलवार को ही हुईं थी बीजेपी में शामिल सीता सोरेन मंगलवार को ही हुईं थी बीजेपी में शामिल
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 20 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 9:47 PM IST

झारखंड पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और जामा से झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की विधायक सीता सोरेन ने बीजेपी का दामन थामने के बाद बिना नाम लिए ही सोरेन परिवार पर जमकर निशाना साधा है. मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुई सीता सोरेन ने कहा कि मैंने और मेरे बच्चों ने मुंह खोला तो भयावह सच्चाई उजागर होगी.

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 भाजपा नेत्री सीता सोरेन ने आज सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, 'स्व. दुर्गा सोरेन के नाम की दुहाई देकर घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोग मुंह में उंगली नही डालें....मैंने और मेरे बच्चों ने मुंह खोला तो भयावह सच्चाई उजागर होगी. कितनों की राजनीतिक सत्ता सुख का सपना चूर चूर हो जाएगा. झारखंड की जनता उन पर थूकेगी, जिन्होंने दुर्गा सोरेन और उनके लोगों को मिटाने की साजिश की.'

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मेरे साथ हुआ अन्याय

उन्होंने पोस्ट में लिखा, मेरे पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन जी के निधन के बाद से मेरे और मेरे बच्चों के जीवन में जो परिवर्तन आया, वह किसी भयावह सपने से कम नहीं था. मुझे और मेरी बेटियों को न केवल उपेक्षित किया गया, बल्कि हमें सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी अलग-थलग कर दिया गया. ईश्वर जानता है कि मैंने इस दौर में अपने बेटियों को कैसे पाला है. मुझे और मेरी बेटियों को उस शून्य में छोड़ दिया गया, जहां से बाहर निकल पाना हमारे लिए असंभव लग रहा था. मैंने न केवल एक पति खोया, बल्कि एक अभिभावक, एक साथी और अपने सबसे बड़े समर्थक को भी खो दिया.  मेरे इस्तीफे के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं है. यह मेरी और मेरी बेटियों की पीड़ा, उपेक्षा और हमारे साथ हुए अन्याय के खिलाफ एक आवाज है.'

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लोगों से की अपील

अपनी अगली पोस्ट में उन्होंने कहा, 'जिस झारखंड मुक्ति मोर्चा को मेरे पति ने अपने खून-पसीने से सींचा, वह पार्टी आज अपने मूल्यों और कर्तव्यों से भटक गई है. मेरे लिए, यह सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि मेरे परिवार का एक हिस्सा थी. मेरा निर्णय भले ही दुःखदायी हो, लेकिन यह अनिवार्य था. मैंने समझ लिया है कि अपनी आत्मा की आवाज़ सुनना और अपने आदर्शों के प्रति सच्चे रहना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. मैं समस्त झारखंड वासियों से अनुरोध करती हूं कि मेरे इस्तीफे को एक व्यक्तिगत संघर्ष के रूप में देखें, न कि किसी राजनीतिक चाल के रूप में.'

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उन्होंने कहा कि झारखंड और झारखंडियों के लिये अपने जीवन का बलिदान देने वाले स्वर्गीय दुर्गा सोरेन जी के नाम की आज दुहाई देकर घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों से विनती है कि मेरे मुँह में अंगुली ना डालें. 

कल्पना ने साधा था जेठानी पर निशाना

इससे पहले हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने जेठानी सीता सोरेन का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा, "हेमंत जी के लिए, स्वर्गीय दुर्गा दा न केवल एक बड़े भाई थे, बल्कि एक पिता तुल्य अभिभावक भी थे. 2006 में शादी के बाद इस बलिदानी परिवार का हिस्सा बनने के बाद, मैंने अपने बड़े भाई और स्वर्गीय दुर्गा के प्रति हेमंत जी के मन में सम्मान और समर्पण देखा.

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उन्होंने कहा, 'पूज्य बाबा और स्वर्गीय दुर्गा दा के संघर्षों और पूंजीपतियों और सामंतवादियों के खिलाफ उन्होंने जो लड़ाई लड़ी, उन्हीं ताकतों के साथ लड़ते हुए हेमंत जी जेल गए. वे झुके नहीं. उन्होंने एक झारखंडी की तरह लड़ने का रास्ता चुना. वैसे भी, हमारे आदिवासी समाज ने कभी भी पीठ मोड़कर, समझौता करके आगे बढ़ना नहीं सीखा है. झुकना झारखंडी के डीएनए में नहीं है.'

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