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जमशेदपुर हिंसा: ग्राउंड जीरो रिपोर्ट में दिखे भयावह मंजर के सबूत, अब तक 55 लोग अरेस्ट

एक धार्मिक झंडे के कथित अपमान के बाद जमशेदपुर में भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. पुलिस ने 100 से अधिक के खिलाफ FIR दर्ज की है और 55 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा इलाके में फिलहाल धारा 144 लागू है.

जमशेदपुर हिंसा मामले में 100 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज जमशेदपुर हिंसा मामले में 100 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज
सत्यजीत कुमार
  • जमशेदपुर,
  • 11 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:12 AM IST

झारखंड के जमशेदपुर में में रामनवमी के झंडे को अपवित्र किए जाने के मुद्दे पर रविवार रात को दो गुटों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई. पुलिस को भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इसके बाद हालात पर काबू पाया जा सका.  फिलहाल इलाके में हालात शांत हैं और धारा 144 लागू की गई है. इस मामले में पुलिस ने 100 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और 55 लोगों को गिरफ्तार किया है. 

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हिंसा प्रभावित इलाके में सिटी एसपी  के. विजय शंकर, एसडीएम धालभूम श्री पीयूष सिन्हा, एएसपी सिटी श्री सुमित कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में सोमवार को फ्लैग मार्च निकाला गया. इलाके में फिलहाल फोर्स और आरएएफ की तैनाती की गई है. प्रशासन का दावा है की हालत काबू में हैं.

भयावह मंजर
रविवार को हुई घटना के दौरान उपद्रवी अपना चेहरा ढ़के हुए थे. हिंसा के बाद हमारे संवाददाता ने ग्राउंड जीरो का जायजा लिया. वहां पर जली दुकानों के अवशेष , टायर , दर्जनों से ज्यादा गाड़ियों की टूटी कांच , विंडस्क्रीन इस बात की गवाही दे रहे थे कि रविवार की रात का मंजर कितना भयावह था. हालांकि मजिस्ट्रेट ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और धारा 144 लागू कर दी गई है.

इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है. उपद्रवियों की गिरफ्तारियां हुई हैं. जमशेपुर के सिटी एसपी ने बताया की बीजेपी नेता अभय सिंह को कई धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है. अभय सिंह है जो पार्टी के वरिष्ठ नेता है. पुलिस का दावा है कि अभय सिंह ने ही लोगों को भड़काया था और साजिश रची थी. हालांकि बीजेपी ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए अभय सिंह की गिरफ्तारी को पुरजोर विरोध किया है. विधायक सरयू राय ने जहां थाने पहुंचकर अभय सिंह से की मुलाकात तो वहीं बीजेपी कार्यकर्ताओं ने थाने के बाहर उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया. 

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कैसे भड़की हिंसा
जानकारी के मुताबिक जमशेदपुर में शास्त्री नगर ब्लॉक नंबर 3 स्थित जटाधारी हनुमान अखाड़ा का झंडा उतारने के दौरान झंडे के बांस में मांस का टुकड़ा पाया गया. यह देखकर हिंदूवादी संगठन भड़क उठे. उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया. इसके बाद देखते ही देखते दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए. हालांकि उस समय प्रशासन ने किसी तरह मामला शांत करा दिया लेकिन आरोप है कि रविवार को मंदिर कमेटी के लोग बैठक कर रहे थे तभी दूसरे समुदाय के लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे लोग फिर से आक्रोशित हो उठे और दोनों तरफ से पत्थरबाजी शुरू हो गई. 

रामनवमी पर भी हुआ था पथराव

इससे पहले झारखंड में 31 मार्च की रात को जमशेदपुर के हल्दीपोखर में रामनवमी पर जमकर पथराव हुआ था. दरअसल लोग रामनवमी का जुलूस निकाल रहे थे. वे जब जुगसलाई इलाके में पहुंचे थे तो कुछ लोगों ने विरोध करते हुए जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया था. इस घटना से गुस्साए लोगों ने बाटा चौक में हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया था. इसके बाद पहले तो दोनों समुदाय के लोगों के बीच भड़काऊ नारेबाजी शुरू हो गई. फिर देखते ही देखते लोगों ने तोड़ फोड और आगजनी शुरू कर दी. लोगों  लोगों ने टायर जलाए और पुलिस की गाड़ी क्षतिग्रस्त कर दी थी, उसमें आग लगा दी थी. इस हिंसा में पांच लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे.

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