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जामताड़ा के रहने वाले लोग ठगों से परेशान... साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स को बुलाकर शुरू की गई ये पहल!

देशभर में साइबर अपराधों के लिए बदनाम जामताड़ा अब जिले के लोगों के लिए असुरक्षित बनता जा रहा है. इसी खतरे को देखते हुए यहां प्रशासन ने साइबर सुरक्षा को लेकर एक पहल की, जिसमें विशेषज्ञों ने लोगों को ठगी से बचने के महत्वपूर्ण टिप्स दिए. इस कार्यक्रम में जामताड़ा के अफसरों के साथ साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट मौजूद रहे.

कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी. (Representational image) कार्यक्रम में मौजूद अधिकारी. (Representational image)
aajtak.in
  • जामताड़ा,
  • 12 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:44 AM IST

जिस जामताड़ा को पूरे देश में साइबर ठगी का गढ़ माना जाता है, वहां के लोग खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. आए दिन साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों ने आम नागरिकों की चिंता बढ़ा दी है. इसी को ध्यान में रखते हुए यहां प्रशासन ने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स को बुलाकर एक पहल की. इस कार्यक्रम में लोगों को साइबर अपराध से बचाव के तरीके सिखाए गए और डिजिटल सुरक्षा के प्रति सतर्क किया गया.

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कार्यक्रम में जामताड़ा के पुलिस अधीक्षक (SP) एहतेशाम वकारीब के साथ साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स मौजूद रहे. इस दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि आज के समय में इंटरनेट जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है. देशभर में लगभग 5 मिलियन लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन यह जरूरी है कि इसे सुरक्षित रूप से इस्तेमाल किया जाए. जामताड़ा देशभर में साइबर अपराध के लिए बदनाम है. यहां के लोग परेशान हैं. ऐसे में साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता बेहद जरूरी हो गई है.

साइबर सुरक्षा को लेकर कहा गया कि बैंक डिटेल्स और निजी जानकारी साझा करने से बचें. इसी के साथ फोन कॉल, मैसेज या ईमेल के जरिए बैंक संबंधी जानकारी न दें. सोशल मीडिया पर सतर्कता बरतें. अनजान लोगों से जुड़ने और अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचें. वहीं संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें. किसी भी संदिग्ध वेबसाइट, लिंक या अज्ञात ईमेल को खोलने से पहले उसकी प्रमाणिकता जांच लें.

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इसी के साथ अपने बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर मजबूत पासवर्ड बनाएं और समय-समय पर उसे बदलते रहें. डबल स्टेप सिक्योरिटी रखें. बैंकिंग और सोशल मीडिया खातों में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें. यदि कोई अनजान व्यक्ति लॉटरी, इनाम या जॉब ऑफर का झांसा दे तो सावधान रहें और इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें.

कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि साइबर अपराध से बचने का सबसे प्रभावी तरीका डिजिटल साक्षरता (Digital Literacy) को बढ़ावा देना है. जब लोग इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग करना सीखेंगे, तभी वे खुद को ठगी से बचा पाएंगे. इस कार्यक्रम के दौरान कई साइबर विशेषज्ञों ने भी नागरिकों को साइबर फ्रॉड के नए-नए तरीकों से अवगत कराया और उनसे सतर्क रहने की अपील की.

एसपी एहतेशाम वकारीब ने कहा कि साइबर ठगी को रोकने के लिए पुलिस विभाग पूरी तरह सतर्क है. उन्होंने नागरिकों से अपील की कि यदि वे किसी भी तरह की साइबर ठगी का शिकार होते हैं या संदिग्ध गतिविधि देखते हैं तो तुरंत पुलिस को सूचित करें. जिला प्रशासन भी साइबर अपराधों को रोकने और नागरिकों को जागरूक करने के लिए कई और कार्यक्रम चलाने की योजना बना रहा है.

रिपोर्ट: देबाशीष भारती

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