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झारखंड: सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में PLFI कमांडर प्रभु सहित 5 नक्सली ढेर

सुरक्षाबलों को नक्सलियों के ख‍िलाफ एक बड़ी सफलता म‍िली है. इस मुठभेड़ में पांच नक्सली मारे गए हैं ज‍िनमें PLFI कमांडर प्रभु साहब बोदरा भी शाम‍िल है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
aajtak.in
  • नई द‍िल्ली,
  • 29 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

झारखंड के पश्‍चिमी सिंहभूम जिले में सुरक्षाबलों को मंगलवार सुबह बड़ी कामयाबी हाथ लगी. सुबह-सुबह ही सुरक्षाबलों ने पांच नक्सलियों को मार गिराया है. मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाला और नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचाया. मुठभेड़ में पीएलएफआई कमांडर प्रभु साहब बोदरा सहित 5 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है. तड़के सुबह कोबरा 209 बटालियन ने ये कार्रवाई की. इलाके में फिलहाल सुरक्षाबल सर्च ऑपरेशन चल रहा है.

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बताया जा रहा है कि यह मुठभेड़ खूंटी-चाईबासा सीमा पर हुई. मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों को 3 नक्सलियों के शव मिले जबकि अन्य दो शव सर्च ऑपरेशन के दौरान मिले. नक्सलियों से हथियारों का जखीरा भी हाथ लगा है जिसमें सेना ने 2 AK-47, एक 303 राइफल और दो पिस्तौल बरामद की हैं. सेना फिलहाल जिले में सर्च ऑपरेशन चला रही है.

क्या है पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया

गौरतलब है क‍ि झारखंड में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया की स्थापना दिनेश गोप के नेतृत्व में की गई थी. दिनेश गोप के बड़े भाई सुरेश गोप की 2003 में हत्या हो गई थी. भाई की हत्या के बाद दिनेश गोप ने कामकाज अपने हाथों में ले लिया.

दिनेश गोप ने पीएलएफआई संगठन को गुमला, पालकोट, रायडीह, घाघरा, विशनुपुर, सिसई, कामडारा में संगठन को मजबूत क‍िया. इस दौरान CPI माओवादी के बागी सदस्य मासी चरण पूर्ति ने दिनेश गोप के साथ मिलकर संगठन को तेजी से फैलाया. मासी चरण पूर्ति के साथ भाकपा माओवादी के कई सदस्यों ने पीएलएफआई की सदस्यता हासिल की थी.

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भाकपा-माओवादी जहां एक विचारधारा से संचालित होती थी. वहीं, PLFI विशुद्ध रूप से  लेवी व फिरौती के पैसे से संचालित होता है. जल्दी पैसे कमाने की लालच में बड़े पैमाने पर बेरोजगार युवकों ने PLFI का दामन थामा है

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