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झारखंड विधानसभा बजट सत्र: अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे झामुमो और कांग्रेस विधायक

Jharkhand Assembly Budget Session: विधानसभा के बाहर अपनी ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस और झामुमो विधायकों ने अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने की मांग की.

विधानसभा के मुख्य दरवाजे पर बैठे कांग्रेस के विधायक विधानसभा के मुख्य दरवाजे पर बैठे कांग्रेस के विधायक
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 03 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 12:52 PM IST
  • आज से झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ है
  • विधायकों ने की स्थानीय नीति लागू की मांग

झारखंड विधानसभा का बजट सत्र (Jharkhand Assembly Budget Session)  शुरू हो चुका है. बजट सत्र की शुरुआत से पहले ही कांग्रेस और झामुमो के विधायक (Congress and JMM MLAs) अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए. विधायकों ने विधानसभा के मुख्य द्वार पर ही प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारी कांग्रेस और झामुमो विधायकों की मांग है कि अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति लागू हो. इतना ही नहीं विधायकों ने कहा कि स्थानीय नीति लागू करने की एक समय सीमा भी तय होनी चाहिए. इस दौरान विधायकों ने एक खास तरह की टी-शर्ट पहनी हुई थी. टी-शर्ट कांग्रेस और झामुमो विधायकों की मांग लिखी हुई थी. प्रदर्शनकारी विधायक लॉबिन हेम्ब्रेम ने कहा कि हर हाल में अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति तय करना होगा.

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बीजेपी विधायकों ने भी किया धरना प्रदर्शन

कांग्रेस और झामुमो विधायकों के साथ ही बीजेपी विधायकों (Jharkhand BJP MLAs) ने भी विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना दिया. इस दौरान बीजेपी विधायकों ने 'हत्यारी सरकार वापस जाओ, बालू पत्थर लुटेरी सरकार होश में आओ' का नारा लगाया. नारेबाजी के दौरान विपक्ष के नेता बिरंची नारायण ने कहा की इस सरकार में कोई काम नहीं हो रहा है. सरकार के इशारे पर राज्य के खनिजों को लूटा जा रहा है. मॉब लिंचिंग की घटना बढ़ रही है. 

सत्ता पक्ष के विधायकों के धरना प्रदर्शन पर निशाना साधते हुए बिरंची नारायण ने कहा कि झारखंड की सरकार में क्या हो रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब खुद के ही विधायक नारेबाजी पर उतर आए हैं.

बता दें कि झारखंड सरकार तीन मार्च को विधानसभा में अगले वित्तीय वर्ष का बजट पेश करेगी. विधानसभा के सत्र में प्रश्नकाल, वित्तीय वर्ष 2021-2022 के तीसरे अनुपूरक बजट पर सामान्य वाद-विवाद और इससे संबंधित विनियोग विधेयक पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री डा रामेश्वर उरांव पेश करेंगे सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगे.

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