
झारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल अभी बजा भी नहीं है, लेकिन राजनीतिक दल अपनी सियासी जमीन को मजबूत करने में जुट गए हैं. झारखंड के किंगमेकर माने जाने वाले आदिवासी समुदाय के वोटों पर बीजेपी सहित सभी दलों की नजर है. मोदी सरकार ने चुनाव ऐलान से पहले आदिवासियों को साधने के लिए नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने की घोषणा की है.
बता दें कि झारखंड में करीब 26 फीसदी आदिवासी समुदाय का वोटर है, जो राजनीतिक दलों का सियासी समीकरण बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखते हैं. यही वजह है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान आदिवासी समुदाय से आने वाले रामेश्वर उरांव के हाथों में सौंपी गई है. वहीं, आदिवासियों की पार्टी का दम भरने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) इन दिनों प्रदेश में बदलाव यात्रा चला रही है. ऐसे में बीजेपी ने आदिवासियों के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल खोलने का ऐलान किया है.
मोदी सरकार में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने ऐलान किया है कि आदिवासियों के लिए देशभर में नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की स्थापना की जाएगी. अगले तीन सालों में पूरे देश में प्रखंड स्तर पर ऐसे 462 एकलव्य मॉडल स्कूल खोले जाएंगे. इनमें 69 की स्थापना झारखंड में होगी.
अर्जुन मुंडा ने बताया कि एकलव्य मॉडल स्कूल की स्थापना उन प्रखंडों में होगी, जहां अनुसूचित जनजाति की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा हो या उनकी जनसंख्या 20 हजार से अधिक हो. इसकी स्थापना केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करेगी.
झारखंड की कुल 81 विधानसभा सीटों में से 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2014 के विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित 28 सीटों में से बीजेपी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को 13-13 सीटें हासिल हुई थीं. जबकि दो सीटों पर अन्य उम्मीदवार विजयी हुए थे.
झारखंड में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में 65 से अधिक सीटें जीतने का टारगेट रखा है. जबकि बीजेपी 2014 के विधानसभा चुनाव में 37 सीटें ही जीती थी. बीजेपी के सहयोगी आजसू को 5 सीटें मिली थीं. बीजेपी को 2014 के चुनाव में 31.3 प्रतिशत वोट मिले थे.
बीजेपी इस बार के चुनाव में अपना वोट प्रतिशत बढ़ाना चाहती है. इसे 50 प्रतिशत तक ले जाने की योजना है.
इसके लिए बीजेपी ने 25 लाख नए सदस्य बनाने का दावा किया है. ऐसे में उन्हें लगता है कि नए सदस्यों के जरिए विधानसभा चुनाव में 65 पार का लक्ष्य भी हासिल हो जाएगा. साथ ही वोट परसेंटेज भी बढ़ जाएगा, इसके लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास 15 सिंतबर से आशीर्वाद यात्रा शुरू करने जा रहे हैं.
वहीं, चुनाव मैदान में उतरने से पहले ही विपक्ष सुस्त नजर आ रहा है. हालांकि JMM बदलाव यात्रा के जरिए जनता के बीच अपनी मौजूदगी दर्ज करने की जुगत में जुटी है, वहीं कांग्रेस अभी भी संगठन को दुरुस्त करने में ही उलझी हुई है. बहरहाल इस सियासी इस जंग में बाजी वही मारेगा जो जनता के बीच उपस्थिति और छवि बनाने में सफल होगा. ऐसे में बीजेपी के चुनावी अभियान के आगे कांग्रेस सहित विपक्ष की चाल बहुत सुस्त है.