
झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर संकट है. चुनाव आयोग की विधायकी रद्द करने की सिफारिश पर राज्यपाल का फैसला आना बाकी है, उससे पहले ही सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा अन्य विकल्प की तलाश में लगा है. शुक्रवार को सरकार के सहयोगी दलों के बीच बैठक हुई और सीएम हेमंत सोरेन के साथ चर्चा हुई. सीएम सोरेन एक कार्यक्रम में भी शामिल हुए और बीजेपी पर हमला बोला है.
हेमंत सोरेन ने कहा- 'केंद्र से राज्य का 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये बकाया क्या मांगा, इन्होंने परेशान करने के लिए एजेंसियों को मेरे पीछे लगा दिया. जब इन्होंने देखा कि मुझे कुछ कर नहीं पा रहे हैं तो आदरणीय गुरुजी (शिबू सोरेन) जो एक उम्र के पड़ाव पर खड़े हैं, उन्हें परेशान कर मुझ तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं.
हम आदिवासियों के डीएनए में डर नहीं
हेमंत ने आगे लिखा- ये आदिवासी का बेटा है. इनकी चाल से हमारा ना कभी रास्ता रुका है, ना हम लोग कभी इन लोगों से डरे हैं. हमारे पूर्वजों ने बहुत पहले ही हमारे मन से डर-भय को निकाल दिया है. हम आदिवासियों के डीएनए में डर और भय के लिए कोई जगह ही नहीं है.
फायरिंग रेंज की समस्या जड़ से खत्म करेंगे
उन्होंने आगे कहा कि संघर्ष यात्रा के दौरान जब मैं महुआडांड़ आया था, उस समय कई लोगों से मेरी मुलाकात हुई. उसमें कई बुजुर्ग भी थे. वह यह देखने आये थे कि यह दिशोम गुरुजी का बेटा है और इसमें गुरुजी जैसा दम है कि नहीं. उसी दिन मैंने मन में ठान लिया था कि फायरिंग रेंज की समस्या जड़ से खत्म कर दूंगा. लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है. इस आंदोलन से जुड़े जितने भी केस हैं वह सारे केस भी सरकार वापस लेगी.
आदिवासी दिवस पर संदेश तक नहीं दिया
हेमंत ने कहा- जो संघर्ष और राज्य के प्रति समर्पण का भाव आदरणीय गुरुजी में है, वही समर्पण भाव के साथ हम आप लोगों के बीच में हैं. हमारी ताकत आप ही हैं और आपकी इसी ताकत से हम विरोधियों से लंबी लड़ाई बड़ी मजबूती से लड़ते हैं. दुर्भाग्य है हमारा, हम आदिवासियों का कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री और आदिवासी राष्ट्रपति ने देश के आदिवासी समाज को शुभकामना संदेश देना भी उचित नहीं समझा. इनकी नजर में हम आदिवासी नहीं, वनवासी हैं.
षड्यंत्रकारियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है...
उन्होंने कहा कि झारखण्ड के अंदर बाहरी ताकतों का गिरोह सक्रिय है. इस गिरोह ने विगत 20 वर्षों से राज्य को तहस-नहस करने का संकल्प लिया था. जब उन्हें 2019 में उखाड़ कर फेंका गया तो उन षड्यंत्रकारियों को यह बर्दाश्त नहीं हो रहा कि अगर हम यहां टिक गए तो उनका आने वाला समय मुश्किल भरा होने वाला है.
केंद्र पैसा देना नहीं, लेना जानती है...
हमने केंद्र सरकार से आग्रह किया झारखंड गरीब राज्य है, यहां के लोगों के लिए पेंशन और स्वीकृत करें. वह उन्होंने कभी नहीं किया. यह व्यापारियों की जमात है. पैसा देना नहीं, पैसा लेना जानती है. देश में झारखंड पहला राज्य है जिसने सभी गरीब-वंचित को सर्वजन पेंशन से जोड़ने का काम किया.
आपके बेटा ने काम करके दिखाया है...
सरकारी कुर्सी के भूखे हम लोग नहीं हैं. बस एक संवैधानिक व्यवस्था की वजह से आज हमें रहना पड़ता है क्योंकि उसी के माध्यम से हम जन-कल्याण के काम करते हैं. क्या कभी किसी ने सोचा था कि हर बूढ़ा-बुजुर्ग, विधवा और एकल महिला को पेंशन मिलेगा? आपके बेटा ने आपके आशीर्वाद से वह करके दिखाया.
हमारे विरोधी राजनैतिक तौर पर हमसे पार नहीं पा रहे हैं तो संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं. लेकिन हमें इसकी चिंता नहीं है. हमें यह कुर्सी विरोधियों ने नहीं बल्कि जनता ने दी है. आज का कार्यक्रम मेरा पहले से तय था. यह कुछ कर लें. मेरी जनता के लिए मेरा काम कभी नहीं रुक सकता.