
झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी मिशन-65 प्लस के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रणनीति बना रही है, लेकिन वहीं, झारखंड कांग्रेस में सिर-फुटौवल मचा हुआ है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के समर्थक गुरुवार को आपस में भिड़ गए. दोनों गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई पहली बार नहीं हुई है, इससे पहले भी जमकर बवाल हो चुका है. डर यह है कि अजय-सहाय के बीच जारी लड़ाई में कहीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की लुटिया ही न डूब जाए.
चुनाव के बाद से ही मचा है घमासान
बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद से ही अजय कुमार और सुबोधकांत सहाय के बीच सियासी घमासान मचा हुआ है. अजय कुमार के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के लिए सहाय गुट के नेताओं ने घोड़ा खोल रखा है. पिछले दिनों सुबोधकांत के नेतृत्व में झारखंड के कई कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली आकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मुलाकात कर अजय कुमार को हटाकर किसी दूसरे अन्य नेता को पार्टी की कमान सौंपने की बात कही थी.
राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हुई है. इसी के चलते झारखंड प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी अभी कोई फैसला पार्टी नहीं कर सकी है. इसके चलते डॉ. अजय कुमार अपने पद पर बने हुए हैं. अजय कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को कांग्रेस भवन में 81 विधानसभा प्रभारियों की बैठक हो रही थी. इसी बीच सुबोधकांत सहाय के गुट के राकेश सिन्हा और सुरेंद्र सिंह पार्टी कार्यालय पहुंचे, जिन्हें दो दिन पहले ही कांग्रेस पार्टी से निष्कासित किया गया है.
कांग्रेस से निष्कासित दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वहां पहुंचे थे. कांग्रेस भवन में पहले से मौजूद डॉ. अजय के समर्थकों ने मुख्य दरवाजा बंद कर इन्हें घुसने से रोक दिया. यहीं से दोनों गुटों के बीच विवाद शुरू हो गया और दोनों नेता के समर्थकों के बीच तू-तू -मैं-मैं होने लगी.
इस दौरान डॉ. अजय कुमार के समर्थक सुबोधकांत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने लगे. वहीं, सुबोधकांत के समर्थक भी अजय कुमार गो बैक के नारे लगाने लगे. इसके बाद बात धक्का-मुक्की तक पहुंच गई. कार्यकर्ता उग्र होने लगे तो कांग्रेस भवन परिसर की ओर से पत्थरबाजी शुरू हो गई. विवाद बढ़ने पर भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को लाठी भांजनी पड़ी. इसमें कई लोगों को चोट भी लगी.
एक दूसरे पर मढ़े जा रहे आरोप
डॉ. अजय कुमार ने कहा कि विरोध करने वालों से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. उन्होंने कहा, 'विरोध सिर्फ परिवारवाद को लेकर चल रहा है. नेता को खुद भी टिकट चाहिए और बेटा-बेटी को भी. कांग्रेस पार्टी किसी के बाप की नहीं है. टूट सकता हूं. झुक नहीं सकता. मैं ओछी राजनीति नहीं करता हूं.'
वहीं, कांग्रेस से निष्कासित राकेश सिन्हा ने डॉ. अजय पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हें पार्टी संविधान की जानकारी नहीं है. एक तरफ मोदी देश के संविधान के साथ खेल रहे हैं तो दूसरी तरफ डॉ. अजय कुमार कांग्रेस के संविधान के साथ खेल रहे हैं. इससे लगता है कि बीजेपी और डॉ. अजय कुमार टी-20 मैच खेल रहे हैं.
तीसरी बार भिड़े कांग्रेसी
लोकसभा चुनाव के बाद तीसरी बार कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत हुई है. लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा को लेकर रांची पहुंचे प्रभारी आरपीएन सिंह का कांग्रेस भवन में कार्यकर्ताओं ने विरोध किया था. इसके साथ डॉ. अजय को हटाने की मांग हुई थी. इसके बाद हाल में तीन दिन पहले ही डॉ. अजय कुमार का विरोध किया गया था. इसके बाद अजय कुमार ने सहाय गुट के कई कार्यकर्ताओं को निष्कासित किया गया. गुरुवार को एक बार फिर कांग्रेस भवन में डॉ. अजय व सुबोधकांत समर्थक आपस में भिड़ गये.
दोनों गुटों के नेता दिल्ली तलब
कांग्रेस के राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रदेश कांग्रेस में हो रहे विवाद को लेकर दिल्ली में तीन अगस्त को बैठक बुलाई है. इसमें विधायक आलमगीर आलम, सुखदेव भगत, प्रदीप बलमुचू, मनोज यादव, ददई दुबे, राजेश ठाकुर के अलावा संगठन, मोर्चा व विभाग के अध्यक्ष शामिल होंगे. लोकसभा चुनाव के बाद से प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय के समर्थक आमने-सामने हैं. ऐसे में देखना है कि शनिवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में कौन सा गुट किस पर भारी पड़ता है.