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झारखंड: कोरोना संकट में खाने के थे लाले! आर्थिक तंगी से जूझते आदिवासी दंपति ने की आत्महत्या

मामला झारखंड के लोहरदगा जिले का है. जहां किस्को थाना क्षेत्र के पहाड़ी गांव पाखर नवाटोली में एक आदिवासी दंपति ने आर्थिक तंगी को लेकर आपस में हुए विवाद के बाद फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.

सांकेतिक फ़ोटो सांकेतिक फ़ोटो
सत्यजीत कुमार
  • रांची ,
  • 21 मई 2021,
  • अपडेटेड 5:22 PM IST
  • कोरोना संकट में आर्थिक तंगी से जूझ रहे कई लोग
  • आदिवासी दंपति ने की आत्महत्या
  • दंपति ने आपस में विवाद के बाद खुदकुशी की

कोरोना संकट ने लोगों के आर्थिक जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. हालात ऐसे हो चले हैं कि लोग आत्महत्या के लिए भी मजबूर हो रहे हैं. झारखंड में कोरोना महामारी में आर्थिक तंगी से जूझते एक दंपतु ने खुदकुशी कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. 

दरअसल, कोरोना संकट ने पिछड़े ग्रामीण इलाकों में आर्थिक तंगी और मुसीबतों का ऐसा सूरते हाल बना दिया है कि लोग आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं. मामला झारखंड के लोहरदगा जिले का है. जहां किस्को थाना क्षेत्र के पहाड़ी गांव पाखर नवाटोली में एक आदिवासी दंपति ने आर्थिक तंगी को लेकर आपस में हुए विवाद के बाद फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.

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पहले पत्नी ने फांसी लगाई और फिर पत्नी को फंदे से झूलता देख पति ने भी खुदकुशी कर ली. मृतक संजय नगेसिया मात्र 20 साल का था और उसकी पत्नी जानकी 18 साल की थी. परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि ग्रामीण इलाके में पहले से रोजी-रोटी की दिक्कतें रही हैं, लेकिन कोरोना काल में यह परेशानी और बढ़ गई है. 

मृतक संजय बॉक्साइट खदान में मजदूरी करता था. लेकिन कोरोना काल में उसमें भी दिक्कत आ रही थी. ऐसे में उसके सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया. उधर, मामले में पुलिस अधिकारी का कहना है कि दंपति ने आपस में विवाद के बाद खुदकुशी की है, फिलहाल मामले की जांच की जा रही है. 

वहीं परिजनों का कहना है कि परिवार बेहद गरीब है, रोजी रोटी के लाले पड़े हुए थे. कोरोना के दौर में काम-धाम नहीं मिलने से और दिक्कतें बढ़ गई हैं. इसीलिए शायद उन्होंने मौत को गले लगा लिया. 

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इनपुट- सतीश शाहदेव

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