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झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का चेन्नई में इलाज के दौरान निधन, सीएम हेमंत सोरेन ने जताया शोक

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का चेन्नई में इलाज के दौरान निधन हो गया है. वह काफी समय से बीमार थे. सीएम हेमंत सोरेन ने जगरनाथ महतो के निधन पर शोक जताया है.

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का निधन (फाइल फोटो) झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का निधन (फाइल फोटो)
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 06 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:39 AM IST

झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का चेन्नई में इलाज के दौरान आज सुबह निधन हो गया. जगरनाथ महतो डुमरी विधानसभा से विधायक थे. गौरतलब है कि बीते 14 मार्च को मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए रांची के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद में उन्हें चेन्नई रेफर कर दिया गया था. शिक्षा मंत्री को एयरलिफ्ट कर चेन्नई ले जाया गया था. 

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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने जगरनाथ महतो के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "अपूरणीय क्षति! हमारे टाइगर जगरनाथ दा नहीं रहे! आज झारखंड ने अपना एक महान आंदोलनकारी, जुझारू, कर्मठ और जनप्रिय नेता खो दिया. चेन्नई में इलाज के दौरान आदरणीय जगरनाथ महतो जी का निधन हो गया. परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवार को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे." 

14 मार्च को चेन्नई हुए थे रेफर

जगरनाथ महतो को बीते 14 मार्च को रांची के पारस अस्पताल से चेन्नई के अपोलो अस्पताल में रेफर कर दिया गया था. कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद मंत्री की लंग्स ट्रांसप्लांट सर्जरी भी हुई थी, तबसे उनका स्वास्थ्य पूरी तरह स्थिर नहीं था. महतो ने बजट सत्र के दौरान सदन में बेचैनी की शिकायत की थी. उन्हें विधानसभा से पास के पारस अस्पताल ले जाया गया. इसके बाद चार्टर एयर एंबुलेंस से चेन्नई पहुंचाया गया. उसके बाद से ही अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. जगरनाथ महतो गिरिडीह में डुमरी विधानसभा सीट से JMM के एक सीनियर विधायक थे और शिबू सोरेन के नेतृत्व में अलग राज्य के आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे. 

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12वीं की पढ़ाई में लिया था एडमिशन

हेमंत सोरेन सरकार में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो 10वीं पास हैं और उन्होंने 12वीं की पढ़ाई के लिए साल 2020 में अपने ही क्षेत्र के देवी महतो स्मारक इंटर महाविद्यालय  नावाडीह में एडमिशन कराया था. दरअसल उनकी क्वालिफिकेशन को लेकर सोशल मीडिया के साथ-साथ राजनीतिक जगत में भी हमेशा सवाल उठाया जाता रहा था. उनका मानना था कि पढ़ाई के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं होती. खास बात ये है कि जिस इंटर महाविद्यालय में शिक्षा मंत्री ने एडमिशन लिया था उसकी स्थापना उन्होंने खुद ही की थी और इंटर में एडमिशन लेने के बाद जगरनाथ महतो पढ़ाई को लेकर काफी एक्टिव भी दिखे थे. 

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