
झारखंड विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की हार हुई है. एक बार फिर संयुक्त विपक्ष के सामने बीजेपी को जीत हासिल करने में दिक्कत हुई. जेएमएम-कांग्रेस-राजद के गठबंधन ने राज्य में बड़ी जीत हासिल की और हेमंत सोरेन का मुख्यमंत्री बनना तय हो गया. अब नतीजों के अगले दिन दोनों पार्टियों की तरफ से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, जिसमें बीजेपी इसे अपने लिए एक संदेश बता रही है तो कांग्रेस इसे जनता का नया संदेश कह रही है.
नतीजों पर क्या बोली बीजेपी?
झारखंड की हार पर बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि लोकतंत्र में हार-जीत एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. हर नतीजा हमारे लिए एक मैसेज है, जिसके आधार पर हम आगे बढ़ रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून का देश में रहने वाले लोगों से कोई लेना-देना नहीं है, इसपर कोई विरोध नहीं कर रहा है.
कांग्रेस शासित राज्यों में NRC नहीं
कांग्रेस नेता पीएल पुनिया बोले कि जीएसटी की वजह से आज GDP 8 से 4 फीसदी पर आ गई है, यही कारण है कि बीजेपी एक ही साल में पांच राज्यों में हार गई है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में गैर-बीजेपी सीएम शपथ लेते दिखेंगे. राजघाट पर CAA के खिलाफ जो धरना हुआ, वह ऐतिहासिक रहा.
पीएल पुनिया बोले कि कांग्रेस देश के संविधान को बचाने के लिए काम कर रही है, जो भी मुद्दे लोगों से जुड़े होते हैं उनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिल्कुल भी नहीं बोलते हैं. जिसका असर हमें झारखंड में भी देखने को मिला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य सरकारें NRC को लागू नहीं होने देंगी.
कांग्रेस की जीत पर हरीश रावत ने कहा कि राज्यों से एक बड़ा संदेश निकला है कि केंद्र सरकार उनपर कुछ थोप नहीं सकती है. पिछले पांच साल में बीजेपी लगातार गिरती जा रही है, ये सरकार सिर्फ अमीर लोगों की है. चुनावी नतीजों से लोगों ने संदेश दे दिया है कि संविधान पर हमला बर्दाश्त नहीं होगा.
गौरतलब है कि झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में जेएमएम-कांग्रेस-राजद के गठबंधन को कुल 47 सीटें, बीजेपी को सिर्फ 25 सीटें मिली हैं. महाराष्ट्र के बाद बीजेपी के हाथ से एक और राज्य निकल गया है.