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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने थामा कांग्रेस का 'पंजा'

झारखंड में कांग्रेस को राजनीतिक स्तर पर बड़ी कामयाबी उस समय हासिल हुई जब उसने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया. कुछ दिन पहले उनकी पत्नी भी कांग्रेस में शामिल हो गई थीं.

कांग्रेस में शामिल हुए मधु कोड़ा (फोटो-ANI) कांग्रेस में शामिल हुए मधु कोड़ा (फोटो-ANI)
सुरेंद्र कुमार वर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 02 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:53 AM IST

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कभी बीजेपी का हिस्सा रहे मधु कोड़ा अब कांग्रेस के हो गए हैं. उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता हासिल की.

करीब एक महीने पहले मधु कोड़ा की पत्नी गीता भी कांग्रेस में शामिल हुई थीं. कोयला घोटाले के आरोपियों में शामिल मधु 2006 से 2008 के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री रहे थे. पश्चिमी सिंहभूम जिले के मुख्यालय चाईबासा में अजय कुमार ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया.

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चार हजार करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा खुद जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र से 2 बार विधायक रही हैं. दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में वह पिछले महीने 11 अक्टूबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गईं.

पूर्व मुख्यमंत्री मधु की पहचान राज्य के दिग्गज नेताओं में होती है और खासकर कोल्हान इलाके में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है. कोयला घोटाले में जमानत नहीं मिलने के कारण उन्हें करीब तीन साल में रहना पड़ा था. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के ढेरों मामले अभी भी कई अदालतों में लंबित हैं.

ठेका मजदूर थे कोड़ा

मधु कोड़ा के राजनीतिक सफर की शुरुआत ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन के साथ छात्र राजनीति से हुई. इसके बाद कोड़ा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए.

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इससे पहले उन्होंने बतौर ठेका मजदूर मजदूरी भी की. फिर मजदूर यूनियन के नेता बने. कोड़ा के पिता रसिक एक खान मजदूर थे. अपनी एक एकड़ जमीन पर वे खेती करते थे. खबरों के मुताबिक उनका सपना था कि उनका बेटा पुलिस में भर्ती हो और एक सम्मानजनक नौकरी करे.

टिकट नहीं मिला तो पार्टी छोड़ी

इस बीच वह पूर्व मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी के संपर्क में आए और साल 2000 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर जगन्नाथपुर से विधायक बने. झारखंड के अस्तित्व में आने के बाद वह बीजेपी की अगुवाई वाली बाबू लाल मरांडी सरकार में स्वतंत्र प्रभार के मंत्री भी बनाए गए.

लेकिन साल 2005 में बीजेपी द्वारा टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बन गए. 2006 में बाबूलाल मरांडी की सरकार अल्पमत में आने के बाद कांग्रेस की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से वह झारखंड के 5वें मुख्यमंत्री बने. इससे पहले वो बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकार में दो बार मंत्री भी रहे.

मधु कोड़ा भारत के किसी भी राज्य में निर्दलीय विधायक के रूप में 23 महीने के लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले पहले मुख्यमंत्री रहे.

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