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किसानों की आत्महत्याओं से चिंतित झारखंड सरकार, कर्ज वसूली पर लगाई रोक

मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाद अब झरखंड की भाजपा सरकार ने अपने राज्य के किसनों को थोड़ी राहत देती दिख रही है. बताया जा रहा है कि राज्य में किसानों की आत्महत्या की वजह से सरकार सकते में है और इसी वजह से सरकार ने बैंकों को आदेश जारी करके किसानों को कर्ज वसूली के नोटिस दिए जाने से रोक दिया है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
धरमबीर सिन्हा
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  • 10 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के बाद अब झारखंड की भाजपा सरकार अपने राज्य के किसानों को थोड़ी राहत देती दिख रही है. बताया जा रहा है कि राज्य में किसानों की आत्महत्या की वजह से सरकार सकते में है और इसी वजह से सरकार ने बैंकों को आदेश जारी करके किसानों को कर्ज वसूली के नोटिस दिए जाने से रोक दिया है.

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गौरतलब है कि बीते तीन हफ्तों में रांची के आसपास के इलाकों में चार किसानो की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है. जांच अभी जारी है  लेकिन मृतक के परिवारवालों का आरोप है कि बैंक से ऋण-वसूली के लिए जबरदस्ती किए जाने की वजह से किसानों ने आत्महत्या की है.

बैंक किसानों को कर्ज वसूली के नोटिस न भेजें : मुख्य सचिव

झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने राज्य के सभी जिलों के उपायुक्तों से कहा है कि वे अपने जिलों के अंतर्गत आनेवाले सभी बैंकों से संपर्क करें और बैंकों से सरकार के इस आदेश पर तत्काल प्रभाव से अमल करने को कहें.  इस सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि फिलहाल रोपा का मौसम है, ऐसे में  किसानों को निर्बाध ढंग से खेती करने दी जाए. मुख्यसचिव ने कहा है कि अगर उपज अच्छी होगी तो बैंकों का कर्ज चुकाना भी किसानों के लिए सुलभ होगा.

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किसानों के फसल बीमा पर ज्यादा जोर

राज्य सरकार  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की फसल की बीमा करवाने पर जोड़ दे रही है ताकि फसल खराब होने की स्थिति में किसानों को मुआवजा  मिल सके. दरअसल राज्य सरकार ने 25 लाख किसानों को इस योजना के अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा था लेकिन अबतक महज 7.5 लाख किसान ही इसका लाभ उठा रहे हैं. ऐसे में सरकार ने बैंको को यह निर्देश भी जारी किया है कि वे सभी जिलों में कैंप लगाकर 20 जुलाई तक फसल बीमा का लक्ष्य पूरा करें.

 

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