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हज़ारीबाग मेडिकल कॉलेज से चोरी हुए थे 183 ऑक्सीजन सिलेंडर, कोर्ट की टिप्पणी के बाद एक्शन में पुलिस

कोर्ट की टिप्पणी के बाद अब पुलिसिया जांच में काफी तेजी आती हुई दिखाई दे रही है. शुक्रवार को हजारीबाग एसपी कार्तिक एस और सदर एसडीओ विद्याभूषण के साथ प्रशासनिक लोग मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे. यहां सिविल सर्जन समेत कई लोगों से पूरे मामले की जानकारी ली गई. 

हज़ारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से 183 ऑक्सीजन सिलेंडर का मामला सामने आया था. (फाइल फोटो) हज़ारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से 183 ऑक्सीजन सिलेंडर का मामला सामने आया था. (फाइल फोटो)
सत्यजीत कुमार
  • हज़ारीबाग ,
  • 22 मई 2021,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST
  • 183 ऑक्सीजन सिलेंडर और 55-60 रेग्युलेटर हुए थे चोरी
  • कोर्ट की टिप्पणी के बाद आई जांच में तेजी
  • CPM के जिला सचिव ने दिया था धरना

झारखंड के हज़ारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से 183 ऑक्सीजन सिलेंडर एवं लगभग 55-60 रेग्युलेटर चोरी मामले में हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद जांच में तेजी आई है. मामले की जांच लिए एसपी व एसडीओ पहुंचे. हज़ारीबाग मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल से 183 ऑक्सीजन सिलेंडर एवं लगभग 55-60 रेग्युलेटर चोरी होने के बाद उच्च न्यायालय ने सरकार से जवाब मांगा था.

कोर्ट की टिप्पणी के बाद अब पुलिसिया जांच में काफी तेजी आती हुई दिखाई दे रही है. शुक्रवार को हजारीबाग एसपी कार्तिक एस और सदर एसडीओ विद्याभूषण के साथ प्रशासनिक लोग मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे. यहां सिविल सर्जन समेत कई लोगों से पूरे मामले की जानकारी ली गई. 

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वहीं, टीम ने पूरे अस्पताल का जायजा लिया इस दौरान टीम ने ऑक्सीजन सिलेंडर एवं रेगुलेटर से संबंधित रजिस्टर और भंडार की भी जांच की. एसपी, एसडीओ ने खुद अस्पताल भंडार समेत कई जगहों का जायजा लिया, साथ ही कई कर्मियों एवं अधिकारियों से भी बात की. बाद में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए एसपी ने कहा कि पूरे मामले का अनुसंधान किया जा रहा है. जल्द ही इस संबंध में पुलिस अपना अनुसंधान पूरा करेगी और जो भी इस मामले में दोषी होंगे उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

इससे एक दिन पहले CPM के जिला सचिव, गणेश कुमार सीटू ने धरना देते हुए स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा देने की और सिविल सर्जन एवं ज़िला लेखा प्रबंधक की गिरफ़्तारी की मांग की. उन्होंने ये भी कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई एवं लॉजिस्टिक्स कमिटी के हेड होने के दायित्व से ये पूरी ज़िम्मेदारी सिविल सर्जन एवं ज़िला लेखा प्रबंधक की है और इसलिए इनकी गिरफ़्तारी ज़रूरी है.

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(सुमन सिंह के इनपुट के साथ) 

 

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