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झारखंड: छठ के आयोजन को लेकर रघुवर और सरयू गुट में झड़प, देर रात चलीं कुर्सियां, पंडाल टूटा

जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर परिसर में छठ पर्व के आयोजन को लेकर विधायक सरयू राय और रघुवर दास खेमा में तनातनी हो गई. दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई, इसमें 5 लोग घायल हो गए. इस दौरान जमकर तोड़फोड़ भी हुई. तनावपूर्ण हालात को देखते हुए वहां पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया. 

सरयू राय और रघुवर दास (फाइल फोटो) सरयू राय और रघुवर दास (फाइल फोटो)
अनूप सिन्हा
  • जमशेदपुर,
  • 29 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 10:15 AM IST

झारखंड के जमशेदपुर में छठ पर्व के आयोजन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और निर्दलीय विधायक सरयू राय के समर्थकों में तनातनी हो गई. दोनों गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई, जिसमें 5 लोग घायल हो गए. हंगामे के बाद तनावपूर्ण हालात को देखते हुए वहां पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई. वहीं इसको लेकर सरयू राय गुट के लोग धरने पर बैठ गए. 

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दरअसल जमशेदपुर के सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर परिसर में छठ पर्व के आयोजन को लेकर विधायक सरयू राय और रघुवर दास खेमा में तनातनी हो गई. दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई, इसमें 5 लोग घायल हो गए. इस दौरान जमकर तोड़फोड़ भी हुई. तनावपूर्ण हालात को देखते हुए वहां पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया है. 

दोनों गुटों ने लगाया था शिविर

बताया जा रहा है कि सरयू राय गुट के लोगों ने सिदगोड़ा सूर्य मंदिर में छठ व्रतियों के लिए एक शिविर लगाया था, जो रघुवर दास गुट के कार्यक्रम स्थल से सटा हुआ था. इस दौरान काफी देर तक दोनों ओर से तनातनी होती रही. बाद में अचानक कुछ लोग अंदर आए और सरयू राय के तंबू को उखाड़कर फेंक दिया. इसके बाद सरयू राय की पार्टी भारतीय जनतांत्रिक मोर्चा के जिला अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव समेत अन्य लोगों पर हमला कर दिया गया.  

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कार्यक्रम आयोजन को लेकर दोनों गुटों ने दिया था आवेदन

इसके बाद सरयू राय गुट के लोगों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उन लोगों पर हमला कर दिया, जिसमें कई लोग घायल हो गए. सुबोध श्रीवास्तव भी इस मारपीट में घायल हो गए. सूर्य मंदिर में गायिका का कार्यक्रम कराने के लिए रघुवर दास गुट की ओर से आवेदन दिया गया था. जमशेदपुर अक्षेस में विधायक सरयू राय के गुट का भी आवेदन था कि वे लोग चाहते है कि व्रतियों के रात में ठहराव का इंतजाम करें और शिविर लगाया जाए, लेकिन प्रशासन ने कोई फैसला नहीं लिया. इसके बाद दोनों गुट खुद से ही आयोजन कराने में लग गए. इस बीच सरयू राय गुट ने भी अपना तंबू लगा दिया. इसके बाद मामले ने विवाद का रूप ले लिया. इस दौरान सरयू राय के साथ रहे चंद्रगुप्त सिंह, रघुवर दास गुट के साथ नजर आए. 

 

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