Advertisement

झारखंड पंचायत चुनाव: जनता ने परिवारवाद को नकारा, 7 बार सांसद रहे कड़िया मुंडा के बेटे-बहू भी हारे

झारखंड पंचायत चुनाव में जनता ने परिवारवाद को सिरे से खारिज कर दिया है. 7 बार सांसद रहे कड़िया मुंडा के बेटे-बहू भी हार गए हैं. कई दूसरे बड़े चेहरों को भी हार का सामना करना पड़ा है.

झारखंड पंचायत चुनाव झारखंड पंचायत चुनाव
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 01 जून 2022,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

झारखंड के पंचायत चुनाव के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. इस चुनाव में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. कई समीकरण टूटे हैं और दिग्गजों को धूल चटा दी गई है. खूंटी से सात बार सांसद रहे पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कड़िया मुंडा के परिवार से इस बार दो लोग चुनाव लड़े, लेकिन दोनों को हार का सामना करना पड़ा. कड़िया मुंडा के छोटे बेटे अमर मुंडा भी जिला परिषद सदस्य पद पर किस्मत आजमा रहे थे. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. इसी तरह उनकी बहु और खूंटी प्रखंड प्रमुख रूकमिला सारू का भाग्य भी उनका साथ नहीं दिया है.

Advertisement

परिवारवाद को नकारते हुए जनता ने सराईकेला में भी जनादेश दिया है. वहां सत्तारूढ़ दल के विधायक दसरथ गागराई की पत्नी यानी ज़िला परिषद प्रतयाशी बसंती गागराई को भी हार का सामना करना पड़ा है. यहां ये जानना जरूरी है कि दसरथ ने 2014 में अर्जुन मुंडा को हराया था और सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन इस बार जनता का मोह उनसे भंग हुआ है और चुनावी मैदान में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. पंचायत चुनाव के नतीजे बता रहे हैं कि वोटरों ने परिवारवाद को सिरे से खारिज कर दिया है, उन्होंने बड़े चेहरों के नाम पर भी अपना वोट नहीं डाला है.

वैसे पंचायत चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने वालीं चामी मुर्मू को भी जनता ने इस बार नकार दिया है. वे भी इस बार चुनाव नहीं जीत पाई हैं. उनका हारना इसलिए थोड़ा हैरान करता है क्योंकि वे किसी बड़े परिवार से ताल्लुक नहीं रखती हैं और उन्होंने लंबे समय तक समाज के लिए काम किया है. उन्हें राष्ट्रपति पुरुस्कार भी मिल चुका है और उन्होंने पर्यावरण और जंगल बचाने के लिए संघर्ष कर रखा है. लोगों को एकजुट कर उन्होंने आंदोलन भी चलाए हैं. लेकिन चुनावी मैदान में वे अपने पक्ष में वोटरों को लामबंद नहीं कर पाईं.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement