
झारखंड में सोरेन परिवार की संपत्ति की जांच को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. यह याचिका आरटीआई एक्टिविस्ट शिव शंकर शर्मा ने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से दायर की है.
आरटीआई एक्टिविस्ट शिव शंकर शर्मा ने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन के पैसे को 'व्हाइट मनी' में बदलने के लिए राजधानी रांची के चर्चित बिजनेसमैन रवि केजरीवाल, रमेश केजरीवाल और अन्य को दिया जाता है. यह पैसा 24 कंपनियों के माध्यम से दिया जा रहा है. इन कंपनियों के माध्यम से 'ब्लैक मनी' को 'व्हाइट मनी' में बदला जा रहा है.
इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपने मुवक्किल की तरफ से अदालत से इस मामले में जांच कराने की मांग की है. अधिवक्ता राजीव कुमार का कहना है कि सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स से सोरेन परिवार की संपत्ति की जांच कराई जाए.
इन्हें बनाया गया है प्रतिवादी
इस मामले में झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, सीबीआई, ईडी, हेमंत सोरेन, बसंत सोरेन, रवि केजरीवाल, रमेश केजरीवाल, राजीव अग्रवाल और अन्य को प्रतिवादी बनाया गया है. इस मामले में कौन कौन प्रतिवादी हैं, इस बारे में अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपने मुवक्किल की ओर से बताया कि सोरेन परिवार का पैसा अनूप टी कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, अरोड़ा फिल्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड, अरोरा स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड, भाषा कंस्ट्रक्शन एंड इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ब्राइट फाइनेंसियल मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, डेस्टिनेशन निर्माण प्राइवेट लिमिटेड, डुमराव टैक्सटाइल्स लिमिटेड, एलिगेंट कमोडील प्राइवेट लिमिटेड, गौरंग एलॉइज एंड आयरन लिमिटेड में उनका पैसा लगा हुआ है. याचिकाकर्ता ने कहा कई कंपनियों में सोरेन परिवार का पैसा लगा है. जैसा कि याचिका में दाखिल किया गया है. नीचे देखें पूरी लिस्ट
इन पर भी है आरोप